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सिलक्यारा सुरंग निर्माण की शुरू हुई तैयारी, भूस्खलन के दौरान आया मलबा बना बाधा, जल्द होगी डी वाटरिंग - सिल्क्यारा टनल निर्माण की तैयारी

Uttarkashi Silkyara Tunnel सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य एक बार फिर शुरू करने की परमिशन मिलने के बाद कार्यदयी संस्था के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. दरअसल सिलक्यारा और बड़कोट छोर से डी वाटरिंग शुरू करने के लिए निरीक्षण किया गया. इसी बीच पता चला कि सिलक्यारा मुहाने से डीवाटरिंग में भूस्खलन के दौरान आया मलबा बाधा बना हुआ है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 26, 2024, 7:43 PM IST

उत्तरकाशी: केंद्र सरकार की अनुमति के बाद सिलक्यारा सुरंग का निर्माण शुरू करने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. सुरंग के सिलक्यारा और बड़कोट छोर से डीवाटरिंग शुरू करने के लिए अधिकारियों ने निरीक्षण किया. सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से डीवाटरिंग में भूस्खलन के दौरान आया मलबा बाधा बना हुआ है. हालांकि एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि सिलक्यारा छोर से भूस्खलन के मलबे में ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर जाकर डीवाटरिंग शुरू की जाएगी, जबकि बड़कोट छोर से डी वाटरिंग में किसी भी तरह की बाधा नहीं है.

डीवाटरिंग शुरू करने के लिए अधिकारियों ने किया निरीक्षण

12 नवंबर को हुआ था सिलक्यारा टनल में भूस्खलन:गौर हो कि 12 नवंबर 2023 की सुबह सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से 200 मीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ था. जिससे सुरंग का मुंह बंद होने से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाला गया था. उसके बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद था. करीब साढ़े चार किमी लंबी बनने वाली इस सुरंग का 480 मीटर निर्माण शेष है.

केंद्र से निर्माण कार्य शुरू करने की मिली अनुमति:बीते मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को एक बार फिर सुरंग का निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी है. जिसके बाद एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों ने सुरंग निर्माण शुरू करने को लेकर निर्माण कंपनी नवयुगा और अधिकारियों के साथ बैठक की.

सिलक्यारा सुरंग निर्माण की शुरू हुई तैयारी

डीवाटरिंग शुरू करने की बनाई गई योजना:बैठक में सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सबसे पहले सिलक्यारा और पोलगांव बड़कोट छोर से डीवाटरिंग शुरू करने की योजना बनाई गई है. डीवाटरिंग के बाद मलबा हटाने के लिए सुरक्षात्मक कार्य किए जाएंगे. सुरंग का काम बंद होने पर निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने यहां सुरक्षा को लेकर डीवाटरिंग कराई थी.

क्या है डीवाटरिंग:डी-वाटरिंग एक निर्माण स्थल से भूजल और सतही पानी को हटाने की प्रक्रिया है. आमतौर पर यह प्रक्रिया खुदाई से पहले की जाती है. सुरंग निर्माण में अगर सुरंग की दीवारों से पानी रिसता है, तो खोदाई में दिक्कत आती है. इसे वॉटर पंप के जरिए बाहर किया जाता है.

जल्द शुरू होगी डी वाटरिंग:एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया कि सिलक्यारा छोर से ऑगर मशीन से जो पाइप डाले गए थे, उनसे अंदर जाकर डीवाटरिंग चालू की जाएगी, लेकिन पहले सुरक्षा के लिए पाथ-वे तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बड़कोट छोर से कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए वहां से जल्द डी वाटरिंग चालू हो जाएगी.

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