श्रीनगर: भाजपा जिला उपाध्यक्ष लखपत सिंह भंडारी ने निकाय चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान उनके कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी आरती भंडारी इस बार महापौर पद पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. इस दौरान, उनके साथ प्रचार कर रहे कार्यकर्ताओं को धमकाने और डराने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और इसे लोकतंत्र की हत्या के समान माना जा सकता है. किसी भी तरह के दबाव या धमकी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भाजपा ने नामांकन रद्द कराने का किया प्रयास-खपत सिंह भंडारी: भाजपा जिला उपाध्यक्ष लखपत सिंह भंडारी ने स्पष्ट किया है कि चुनाव लड़ना प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है और इसे कोई भी छीन नहीं सकता. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी ने पहले नामांकन प्रक्रिया को रद्द करवाने के लिए हरसंभव प्रयास किया, लेकिन इतने षड्यंत्रों के बावजूद भी किसी का नामांकन निरस्त नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा कि सत्ता का भय दिखाकर कार्यकर्ताओं को डराना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है.
भाजपा डराने-धमकाने की राजनीति छोड़े: लखपत सिंह भंडारी ने कहा कि पार्टी ने कई वरिष्ठ और लंबे समय से जुड़े कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया है और पैराशूट उम्मीदवार को टिकट दिया. इस वजह से पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है. उन्होंने भाजपा से अपील की है कि वह डराने-धमकाने की राजनीति छोड़कर लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखे और सम्मानजनक ढंग से चुनावी मैदान में उतरे. लोकतंत्र में विचारों और उम्मीदवारों की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए.
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