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नर्सिंग छात्रों ने प्रिंसिपल और टीचर्स को बनाया बंदी, बिना लैब और लाइब्रेरी के भगवान भरोसे पढ़ाई - Uproar in Ayodhya Medical College

अयोध्या के राजश्री दशरथ स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग के छात्रों ने मंगलवार को प्रिंसिपल सहित नर्सिंग टीचरों को उनके ऑफिस में ही बाहर से ताला लगाकर बंद कर दिया. बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहे छात्रों का गुस्सा आखिर फूट पड़ा. काफी हंगामा करने के बाद छात्रों का गुस्सा शांत हुआ.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 13, 2024, 7:29 PM IST

छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में जड़ा ताला
छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में जड़ा ताला (photo source ETV Bharat)

सुविधा को लेकर मेडिकल कॉलेज में हंगामा (video source ETV Bharat)

अयोध्या:राजश्री दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या में पढ़ रहे नर्सिंग के स्टूडेंट का गुस्सा मंगलवार को भड़क गया. लैब, लाइब्रेरी, हॉस्टल, प्रैक्टिकल जैसी प्रमुख मांगों को लेकर छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया और कॉलेज के प्रिंसिपल सहित दूसरे शिक्षकों को बंदी बना लिया. सभी फैकल्टी को उनके ऑफिस में ही बाहर से ताला लगाकर बंद कर दिया. आनन फानन में पुलिस को कैंपस में बुलाया गया. बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची तो मौजूद छात्र छात्राओं ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी भी की. घंटों तक चले हंगामा के बाद अधिकारियों के द्वारा समझा कर ताला खुलवाया गया.

दरअसल मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के साथ सिर्फ खानापूर्ति किया जा रहा है. छात्रों का आरोप है कि, फोर सेमेस्टर और फर्स्ट सेमेस्टर के बच्चों को एक क्लास रूम में बैठकर पढ़ाया जा रहा है. जो स्टूडेंट चौथे साल के सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहा हो उसे नया एडमिशन लेने वाला छात्र भी कैसे समझ सकेगा. यही नहीं मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में ना ही कमरे सही है और ना ही उन कमरों में पानी पहुंच रहा है. साथ ही मेडिकल कॉलेज में न लाइब्रेरी है और न ही लैब. जिसके बिना कैसे तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे छात्र.

छात्र अतुल चौधरी ने आरोप लगाया कि, यहां पर तीन सत्र की क्लास चलाई जा रही है. नर्सिंग के लिए सिर्फ दो क्लास रूम उपलब्ध कराए गए हैं. उसी में तीन सत्र के बच्चे पढ़ रहे हैं. यहां पर ना ही कोई लाइब्रेरी है, किताबें पढ़ने के लिए कुछ दूर स्थित गंजा गांव में सुबह 9 बजे से 5 बजे तक क्लास रहती है. यदि हम क्लास में बैठेंगे तो गांजा गांव कितने बजे जाएंगे और वहां तक जाने के लिए ना ही किसी प्रकार की साधन की कोई व्यवस्था है और यहां पर लैब भी नहीं है सभी व्यवस्था भगवान भरोसे हैं. यह लोग आश्वासन दे रहे हैं कि आपकी मांग पूरी की जाएगी लेकिन हम लोग 2 साल से परेशान हैं. यहां पर कुल 180 सीट है लेकिन अभी सिर्फ 160 बच्चे है.

अंकित यादव ने कहा कि 2022 में हम लोगों ने यहां पर एडमिशन लिया है. पहले साल टीवी सर्च के बगल इफेक्टेट वार्ड में क्लास चलाया गया. उसके बाद हम लोगों को नई बिल्डिंग में क्लास दिया गया.उसके बाद से जो अब नए बच्चे आए हैं उन्हें और चौथे सेमेस्टर के बच्चों को एक साथ क्लास रूम में बैठ जा रहे. ना ही प्लेग्राउंड है, ना ही लाइब्रेरी है और ना ही लैब है. हम लोगों ने ताला बंद करके शांति पूर्ण ढंग से स्ट्राइक किए हैं. हम चाहते हैं कि हमारी मांग जल्द से जल्द पूरी हो क्योंकि हम लोग 2 साल से परेशान हैं.

छात्रा प्रीति ने बताया कि, यहां पर ना ही पानी की सुविधा है ना ही अच्छा रूम हैं, उसके बाद भी हमसे अर्जेस्ट करने की बात करते हैं. हमारी मांग है जिसे पूरी कर दें. वहीं लड़कियों का आरोप है कि यहां पर वॉशरूम की सुविधा भी ठीक नहीं है.

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