नूंहःजिला पुलिस ने फर्जी डेठ सर्टिफिकेट बवाकर ठगी के मामले में सीएससी संचालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर मृत्यु सहायता राशि योजना से 2.15 लाख रुपए की ठगी किए हैं. जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने लैबर डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की मिलीभगत से वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने दोनों के मोबाइल और सिम कार्ड जब्त कर लिए हैं. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.
जानिए पूरा मामला:ये पूरी घटना नूंह जिले की है. नूंह की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सिंह ने बताया, "पिछले साल अगस्त में दल्लाबास पुन्हाना के रहने वाले मोहम्मद हनीफ ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली हरियाणा सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने गांव के ही सीएससी संचालक के माध्यम से मजदूर पंजीकरण कॉपी बनवाने के लिए आवेदन दिया. उस दौरान उनकी मुलाकात पुन्हाना वार्ड-11 लक्ष्मीनगर कॉलोनी में रहने वाले अरबाज से हुई.उन्होंने मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनका और पत्नी का आधार व पैन कार्ड नंबर सहित अन्य दस्तावेज मांगे.
फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिए धोखाधड़ी:आगे एएसपी ने जानकारी दी कि दस्तावेज मांगने के बाद एक दिन नूंह बस स्टैंड पर बुलाकर फिरोजपुर के जाबिर से मुलाकात कराई थी. उन्हें पता चला कि मजदूर पंजीकरण की योजना के तहत कुछ राशि खातों में जारी की गई है. उन्होंने सीएससी संचालक से संपर्क किया तो उनकी कॉपी कैंसिल होने की बात कहते हुए फैमिली का आईडी नंबर पूछा. फिर उनका फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया. इसके बाद मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली सरकारी राशी के नाम पर 2.15 लाख रुपये फर्जी खातों में डलवा लिए. विवाद का पंचायत स्तर पर समाधान करने का प्रयास हुआ, तो उन्हें गाली-गलौज देकर भगा दिया गया.