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मेरठ को गंदगी के ढेर से जल्द मिलेगी मुक्ति, NTPC लगाएगी प्लांट, जानिए क्या है योजना - NTPC plant in Meerut

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 2 hours ago

पश्चिमी यूपी की सियासत के केंद्र के तौर पर पहचान रखने वाले मेरठ के वासियों के लिए अच्छी खबर है. मेरठ की सूरत बदलने की कवायद तेज हो गई है.

मेरठ को गंदगी से निजात दिलाने के लिए योजना बनाी गई है.
मेरठ को गंदगी से निजात दिलाने के लिए योजना बनाई गई है. (Photo Credit; ETV Bharat)

मेरठ को गंदगी से निजात दिलाने के लिए योजना बनाई गई है. (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठ :पश्चिमी यूपी की सियासत के केंद्र के तौर पर पहचान रखने वाले मेरठ के वासियों के लिए अच्छी खबर है. मेरठ की सूरत बदलने की कवायद तेज हो गई है. शहर में प्रवेश करते ही लोगों का सामना कूड़े के ढेर से होता है, लेकिन इससे निजात दिलाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसा होगा एनटीपीसी के सहयोग से. दरअसल, यहां एनटीपीसी प्लांट लगाने जा रहा है, जिससे कूड़ा निस्तारण में तेजी आएगी और शहर को गंदगी से छुटकारा मिलेगा.

मेरठ में 13 लाख टन कूड़े के बने हैं पहाड़:यह सिर्फ शहरवासी ही नहीं, बल्कि मेयर हरिकांत अहलुवालिया भी स्वीकारते हैं. कहते हैं कि मेरठ में 13 लाख टन कूड़े के पहाड़ बने हैं, जो कि न सिर्फ लोगों को बीमारी दे रहे हैं, बल्कि जब बारिश होती है तो गंदगी का रिसाव होता है. ईटीवी भारत से बातचीत में अहलूवालिया ने बताया कि इससे पूर्व लगभग 6 साल पहले वे शहर के मेयर थे, तब उन्होंने काफी प्रयास किए कि मेरठ को साफ सुथरा रखा जाए. कहा कि लेकिन इस तरफ सरकार भी ध्यान दे रही है और जनप्रतिनिधि भी गंभीर हैं. अब NTPC के साथ एक करार होने जा रहा है, जिसके बाद NTPC यहां कूड़ा निस्तारण के लिए काम करेगी और जो कूड़े के ढेर लगे हैं, इसे ट्रीटमेंट करके फ्यूल निकालेगी और अपने इस्तेमाल में लेकर इससे निजात दिलाएगी. महपौर हरिकांत अहलुवालिया ने बताया कि मेरठ महानगर में हर दिन 1300 टन कूड़ा एकत्र होता है.

नगर निगम पर लगा है 5 करोड़ का जुर्माना :बता दें कि एनजीटी के आदेश पर कूड़ा निस्तारण में विफल होने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम मेरठ पर पांच करोड़ का जुर्माना हाल ही में लगाया था. एनजीटी का कहना है कि निगम की ओर से कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं किए जाने से पर्यावरण को क्षति पहुंची है. इस आधार पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के तहत पांच करोड़ का जुर्माना लगाया गया. निगम को 15 दिन में जुर्माना अदा करने और साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा गया था. उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक अप्रैल 2020 से एक मई 24 तक 50 माह में कूड़े का सही निस्तारण न करने पर 10 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से पांच करोड़ का जुर्माना लगाया था. इस पर मेयर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि यह जुर्माना नगर निगम नहीं भरेगा, बल्कि जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह जुर्माना लगा है, वही इसका भुगतान करेंगे. इसे बोर्ड बैठक में भी पास कर दिया गया है.

अब नहीं लगेंगे गंदगी के अंबार:मेरठ में हाल ही में बतौर नगर आयुक्त आए युवा आईएएस सौरभ गंगवार ने बताया कि वह नियमित शहर के अलग-अलग स्थानों का भ्रमण क़र रहे हैं. यह बात सही है कि शहर में कूड़े के ढेर लगे हैं. अब एनटीपीसी के साथ करार किया जा रहा है और शहर को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए कारगर उपाय किए जाएंगे.

ट्रीटमेंट प्लांट की बढ़ाई जा रही क्षमता:उन्होंने बताया कि कूड़ा निस्तारण के लिए लोहियानगर में जो प्लांट है, उसकी दोगुनी क्षमता की जा रही है. नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के साथ जो बात इस बारे में हुई है, उसमें वह इस कूड़े को फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल करेगी.

समस्याओं से मुक्त कराने के लिए प्रयास जारी:इस बारे में मेरठ सांसद अरुण गोविल का कहना है कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए वह लगातार प्रयास क़र रहे हैं और यहां के नागरिकों को समस्याओं से मुक्त कराना उनकी प्राथमिकता है. फिलहाल अब मेरठवासियों को भी नगर निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बाद उम्मीद जगी है कि शहर की तश्वीर बदलेगी.

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