लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की नई बसों की नॉक्स डीसी लाइट रोडवेज चालकों की नाक में दम करने वाली साबित हो रही हैं. रोडवेज की टेक्निकल टीम के पास इसका कोई तोड़ नहीं है. चलते चलते बसों में नॉक्स डीसी लाइट जलने से स्पीड महज 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा ही रह जा रही है. इससे बसों में सवार यात्री सफर करने से ही कतराने (Nox DC light causes problems to UPSRTC bus drivers) लगे हैं. दो दिन पहले ही उपनगरीय डिपो की बस गोरखपुर से लखनऊ आने के दौरान नॉक्स डीसी लाइट जलने से खड़ी हो गईं.
यात्रियों को दूसरी बसों में ट्रांसफर कर रेंगते रेंगते बस दो दिन में लखनऊ पहुंच पाई. चालकों को सवारियों की अभद्रता भी झेलनी पड़ रही है. टेक्निकल अधिकारियों के पास इस बीमारी का इलाज नहीं है. बहानेबाजी कर पल्ला झाड़ रहे हैं. 19 फरवरी को उपनगरीय डिपो के चालक मोहम्मद अमीन ने परिवहन निगम के अधिकारियों से शिकायत की कि बस संख्या 4575 में नॉक्स लाइट जल रही है और बस बहुत कम लोड ले रही है जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस रेंग रेंगकर आगे चल पा रही है.
25 फरवरी को हैदरगढ़ डिपो के चालक कमल किशोर ने परिवहन निगम के अधिकारियों को बताया कि बस संख्या 4592 खलीलाबाद पुल के पहले खड़ी हो गई है. गाड़ी लोड ही नहीं ले रही है. बस के अंदर नॉक्स लाइट जल रही है. इससे अब मजबूरन बस को आगे ले जा पाना संभव नहीं हो पा रहा है. आधिकारी कृपया सहायता भेजें. बस सिर्फ 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की ही स्पीड से चल पा रही है.
यह उदाहरण है कि बसों में नॉक्स लाइट जलने से लोड ले पाना संभव नहीं हो पा रहा है. बसें स्पीड पकड़ ही नहीं पा रही हैं. सवारियों को दूसरी बस में ट्रांसफर कर किसी तरह 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ही चालक डिपो तक पहुंचा पा रहे हैं. परिवहन निगम के चालक बताते हैं कि अधिकारियों से सहायता मांगी जाती है तो कहा जाता है कि बस नजदीकी डिपो में जाकर खड़ी कर लो.