लखनऊ:सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से मोटर वाहन निरीक्षक की तैनाती की जाती है. लेकिन उत्तर प्रदेश में एमवीआई यानि मोटर वाहन निरीक्षक की जगह संभागीय निरीक्षक(प्रोविजनल) की तैनाती की जाती है. जिनके अधिकार एमवीआई से कम होते हैं. ऐसे में लगातार मांग की जा रही थी कि पदनाम बदले जाएं. जिसके बाद इस प्रस्ताव को राज्यपाल आनंदी बेल ने हरी झंडी दिखा दी है. अब परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) मोटर वाहन निरीक्षक के पद नाम से जाने जाएंगे. राज्यपाल की तरफ से मुहर लगने के बाद अब संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) एआरटीओ (प्रवर्तन) की तरह सड़क पर उतरकर आने वाले दिनों में वाहनों की तकनीकी जांच भी कर सकेंगे. जिसका फायदा सड़क दुर्घटनाओं को कंट्रोल करने में मिलेगा.
यूपी परिवहन विभाग में फिलहाल संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) के कुल 124 पद हैं. इनमें से 66 पदों पर आरआई तैनात हैं. शेष पद रिक्त हैं. यानि वर्तमान में 66 कार्यरत आरआई अब एमवीआई के नाम से जाने जाएंगे. आगे इसी पदनाम से भर्ती होगी. यानि अब यूपी से आरआई का पद खत्म कर दिया गया है. इसकी जगह अब एमवीआई ने ले ली है.
परिवहन विभाग ने पत्र जारी किया (Photo Credit; ETV Bharat) राज्यपाल की तरफ से मुहर लगने के बाद परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने भी हरी झंडी दे दी है. वर्तमान में संभागीय परिवहन कार्यालयों में तैनात आरआई का काम वाहनों की फिटनेस जांच और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट लेना होता है. तकनीकी अधिकारी होने के नाते आरआई जब वाहनों की फिजिकल जांच कर उसे सड़क पर चलने के लिए फिट पाते हैं तभी प्रमाण पत्र जारी होता है. आरआई को उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों तरह सड़क पर उतरकर वाहनों को तकनीकी रूप से जांचने की अनुमति नहीं थी, क्योंकि यहां पर एमवीआई के नाम से कोई पोस्ट ही नहीं था.
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में तकनीकी अधिकारियों को जब सड़क पर संचालित हो रहे वाहनों को तकनीकी जांच का अधिकार मिल जाएगा तो इससे निश्चित तौर पर कागजों पर फिट और हकीकत में अनफिट वाहनों को भी पकड़ा जा सकेगा. इससे सड़क हादसों पर काफी हद तक नियंत्रण भी पाया जा सकेगा. भविष्य में परिवहन विभाग अपने सभी 75 जिलों में एक-एक एआरटीओ रोड सेफ्टी की भी तैनाती करेगा और साथ ही 351 एएमवीआई भी तैनात किए जाएंगे. इससे सड़क हादसों पर नियंत्रण स्थापित करने में मदद मिलेगी.
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