नई दिल्ली: रेलवे स्टेशनों के खानपान के स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे बैकफुट पर आ गया है. डिजिटल पेमेंट अनिवार्य करने पर दुकानदारों में विरोध और यात्रियों को संभावित समस्याओं पर ETV भारत ने प्रमुखता से खबर पब्लिश की थी. इस पर अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से ईटीवी भारत का धन्यवाद किया गया. संगठन की ओर से मामले में उत्तर रेलवे की महाप्रबंधक, सीसीएम कैटरिंग और डीआरएम दिल्ली से शिकायत कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई थी.
नॉर्दर्न रेलवे के चीफ कमर्शियल मैनेजर (सीसीएम) कैटरिंग की ओर से बीती 21 मई को सभी कमर्शियल मैनेजर को आदेश जारी किया गया. इसमें रेलवे स्टेशनों के सभी स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा गया था. क्यूआर कोड स्वाइप मशीन आदि की व्यवस्था करने के लिए एक सप्ताह का समय भी दिया गया. यानी 28 मई से सिर्फ डिजिटल पेमेंट पर ही यात्री सामान खरीद सकते थे.
आरोप है कि रेलवे स्टेशन पर रेलवे के कमर्शियल विभाग की ओर से दुकानदारों को सिर्फ और सिर्फ डिजिटल पेमेंट लेने के लिए कहा जाने लगा और आदेश न मानने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी जा रही थी. दुकानदार इसका विरोध करने लगे. दुकानदारों का कहना था कि क्यूआर कोड स्वाइप मशीन पहले से ही काउंटर पर हैं, जो यात्री चाहता है वह डिजिटल पेमेंट करता है. लेकिन सिर्फ डिजिटल पेमेंट से ही सामान बेचना संभव नहीं है.