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अफीम की खेती करने वालों की अब खैर नहीं, ड्रोन की मदद से होगी कार्रवाई, एसपी की चेतावनी! - DRONE MONITORING OF OPIUM

खूंटी में अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए अब ड्रोन का इस्तेमाल होगा. पुलिस अब तक 50 प्रतिशत खेती नष्ट कर चुकी है.

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खेतों में अफीम की फसल (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 29, 2025, 1:37 PM IST

खूंटी:जिले में नक्सलियों ने अफीम की अवैध खेती शुरू कराई. आज हजारों एकड़ तक खेती का दायरा बढ़ गया है. पुलिस नक्सलियों पर तो लगाम लगाने में कामयाब हो गई, लेकिन अफीम की खेती पुलिस के लिए अभी भी चुनौती बनी हुई है. दर्जनों एफआईआर और गिरफ्तारियों के बाद भी अफीम उगाने वाले किसानों और माफियाओं में खौफ नहीं है. जिसके कारण खेतों में फिर से अफीम की फसल लहलहाने लगी है.

खूंटी अनुमंडल क्षेत्र के पांच थाना क्षेत्रों में लगे अफीम के पौधे अब गुलाबी और लाल फूलों से लहलहाने लगे हैं. रंग-बिरंगे खिलते खेतों में बढ़ते फल ने पुलिस प्रशासन के लिए चुनौतियां बढ़ा दी है. पांच थाना क्षेत्रों में लगभग 5 हजार एकड़ में अफीम के फसलें लगी हैं. डीजीपी द्वारा जिले के हर थाने को एक-एक ड्रोन उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि पहाड़ एवं घने जंगलों में लगाई गई खेती तक पुलिस जाकर उसे नष्ट कर सके.

अफीम की खेती को लेकर जानकारी देते एसपी (ईटीवी भारत)

खूंटी पुलिस ने 2025 में युद्धस्तर पर अफीम विनष्टीकरण का कार्य शुरू किया है. अब तक जिले में ढाई हजार एकड़ से ज्यादा भूमि में अफीम विनष्टीकरण का कार्य किया गया है. अवैध अफीम की खेतों में पटवन और चीरा लगाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कई प्राथमिकी दर्ज की है. इसके साथ ही 20 लोगों को जेल भी भेजा है.

एसपी अमन कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय में डीजीपी और गृह सचिव की बैठक के बाद मानकी मुंडा, ग्राम प्रधान और पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक भी किया गया है. लगातार पुलिस प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान से भी अब ग्रामीण स्वयं अफीम के खेतों में ट्रैक्टर और हल चला रहे हैं. एसपी अमन कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न इलाकों में अफीम की खेती की जाती रही है और इस वर्ष भी वृहद पैमाने पर खेती लगाई गई है. अवैध फसलों को नष्ट करने का अभियान दिसंबर महीने से शुरू हुआ है, जो लगातार चल रहा है.

एसपी अमन कुमार ने बताया कि कभी नक्सल मिले हुए थे, जिसके कारण अफीम की खेती लोग आसानी से कर लेते थे. लेकिन आज गांव वाले अफीम की खेती कर रहे हैं और उन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिला हुआ है. एसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि अफीम की खेती में नक्सल शामिल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जिन जनप्रतिनिधियों को चिन्हित किया गया है और उन्हें हिदायत दी गई है कि अफीम की फसलों को खुद नष्ट करें नहीं तो आने वाले दिनों में पुलिस अपना काम करेगी तो मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.

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