लखनऊःउत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय ने प्रदेश के ऐतिहासिक धरोहरों, इमारतों व मंदिरों को संरक्षित करने के लिए नई रणनीति बनाई है. अडॉप्ट ए हेरीटेज पॉलिसी के तहत मंदिरों और अन्य पर्यटन स्थलों को गोद दिया जा रहा है. कोई भी व्यक्ति या संस्था इन्हें गोद लेकर इनके केयर टेकर की जिम्मेदारी निभा सकता है. निदेशालय इस पॉलिसी के प्रचार-प्रसार में जुटा है. बीते एक साल में 11 धार्मिक स्थलों को गोद दिया जा चुका है. इनमें मंदिर, तालाब व कई ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं. मौजूदा समय में पुरातत्व विभाग कानपुर के दो और मिर्जापुर के एक स्थल को एक सामाजिक संस्था को गोद देने की तैयारी में है.
केयर टेकर बनने के लिए किया जा रहा प्रेरित :उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय की डायरेक्टर रेनू द्विवेदी ने बताया कि जिस प्रकार से भारत सरकार की अडॉप्ट ए हेरिटेज पॉलिसी है. उसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 2021 में एडाप्ट ए हेरिटेज पॉलिसी गठित की थी. योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य है कि जो लोग सक्षम हैं. चाहे वह कोई संस्थान हो या व्यक्ति विशेष हो या कोई कंपनी हो, उन्हें केयर टेकर बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इससे लोगों को अपने स्थलों और चीजों के बड़े लगाव भी बढ़ता है. इस योजना के तहत जो लोग मंदिर, ऐतिहासिक स्थलों आदि को गोद लेते हैं उन्हें उनके रखरखाव साफ-सफाई के अलावा वहां पेयजल की व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी निभानी होती है. बीते एक साल में अभी तक प्रदेश के 11 ऐसे स्थलों और मंदिरों को व्यक्तिगत लोगों और संस्थाओं को गोद दिया जा चुका है.