दुर्ग: लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपला का सबसे बड़ा अस्पताल है. साल 2019 में यहां मर्च्यूरी रूम बनाया गया. चीरघर बनाए जाने के बाद यहां पर पोस्टमार्टम का काम शुरु हुआ. अस्पताल के बना पोस्टमार्टम रूम अब नया रिकार्ड बनाने जा रहा है. दरअसल साल 2019 के बाद से यहां पहली बार ऐसा हुआ है जब पिछले चार दिनों से एक भी लाश पीएम के लिए नहीं पहुंची है. पोस्टमार्टम का काम करने वाले काशी राम इसे एक सुखद संयोग बताते हैं. काशी राम कहते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है जब यहां लाशें नहीं आ रही हैं.
पोस्टमार्टम रूम में सन्नाटा: पोस्टमार्टम करने का काम करने वाले काशी राम कहते हैं ऐसा पहली बार हुआ है जब यहां पर लाशें नहीं पहुंच रही है. त्योहार के मौके पर लोग जब अपने अपने घरों में होते हैं तो हादसों में अपने आप ही कमी आ जाती है. काशी राम कहते हैं कि सबसे ज्यादा पोस्टमार्टम के लिए जो लाशें आती हैं उसमें खदकुशी के केस और सड़क हादसों से जुड़ी घटनाएं ज्यादा होती हैं. काशी राम कहते हैं कि सुपेला के पोस्टमार्टम हाउस में हर साल 600 लाशों का पोस्टमार्टम किया जाता है. करीब 70 फीसदी मामले यहां खदकुशी के आते हैं.