उन्नाव:सड़क हादसों में घायलों की जान बचाने और मददगारों को सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2021 में शुरू की गई ‘गुड सेमेरिटन योजना’ उन्नाव में अभी तक निष्क्रिय ही है. योजना के तहत घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने वाले नेक दिल इंसान को 5,000 रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र प्रदान करने का प्रावधान है. लेकिन इस योजना के अंतर्गत अब तक जिला प्रशासन को एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिला, जिसे सम्मानित किया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और योजना का उद्देश्य:सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘गुड सेमेरिटन कानून’ लागू किया था. इसके पीछे मकसद यह था कि लोग घायलों की मदद करने से न डरें और कानूनी परेशानियों के डर से पीछे न हटें. इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने 2021 से 2026 तक के लिए इस योजना की शुरुआत की. ‘गुड सेमेरिटन’ या नेक दिल इंसान वह होता है, जो सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को अपनी मर्जी से अस्पताल पहुंचाता है.
इन बातों का ध्यान रखना होगा
- मददगार को किसी प्रकार की कानूनी पूछताछ या गवाही के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.
- उनका नाम और पता बताने की अनिवार्यता नहीं होगी.
- यदि मददगार स्वेच्छा से अपना नाम-पता दर्ज कराता है तो केवल एक बार पूछताछ की जा सकेगी.
- सरकारी अस्पतालों में सड़क हादसे के पीड़ितों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाएगी.
- घायल को ‘गोल्डन ऑवर’ (पहले 1 घंटे) में अस्पताल पहुंचाने पर 5,000 रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा.