नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने वर्ष 2024-25 सत्र के लिए होने जा रहे छात्रसंघ चुनाव के नामांकन की तारीख में बदलाव कर दिया है. साथ ही नाम वापसी की तारीख भी बदल गई है. पहले तय कार्यक्रम के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट इलेक्शन (डूसू) चुनाव के लिए 17 सितंबर को नामांकन होना था, लेकिन अब कुलसचिव कार्यालय द्वारा संशोधित की गई तारीख के अनुसार, 19 सितंबर को नामांकन होगा. वहीं इसी दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी. इसके बाद 20 सितंबर को नाम वापसी होगी. नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी. हालांकि मतदान के पहले जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, चुनाव 27 सितंबर को ही होगा और मतगणना 28 सितंबर को होगी.
एबीवीपी को अधिक सीटों पर जीत: दरअसल पिछले साल भी सितंबर माह में ही छात्रसंघ चुनाव संपन्न हुए थे. उस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अध्यक्ष समेत तीन केंद्रीय पैनल के पदों पर जीत दर्ज की थी. इनमें सचिव और संयुक्त सचिव के पद भी शामिल थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी.
पोस्टर-बैनर से पटे मार्ग: बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक की दाखिला प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही छात्र संगठनों ने चुनाव लड़ने के लिए अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. एबीवीपी और एनएसयूआई से चुनाव लड़ने के दावेदारों ने विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के आसपास सभी कॉलेज की दीवारों पर अपने-अपने पोस्टर बैनर लगा रखे हैं, जिनको कि अब चुनाव आचार संहिता लगने के बाद एमसीडी द्वारा हटाया जा रहा है. हालांकि विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से लेकर के दिल्ली विश्वविद्यालय के मुख्य गेट की ओर जाने वाला मार्ग छात्र नेताओं के बैनर-पोस्टर से पटा हुआ है. छात्रसंघ चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के बाद छात्र संगठनों की तैयारी और तेज हो जाएगी.
इनमें रहेगा मुख्य मुकाबला:वहीं कई छात्र संगठन सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी भी केंद्रीय पैनल में जीत दर्ज नहीं कर पाए हैं, जो कि इस बार जोर आजमाइश कर रहे हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला एबीवीपी और एनएसयूआई में ही माना जा रहा है. वामपंथी छात्र संगठनों को इस बार भी तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ सकता है. एनएसयूआई की कोशिश जहां एक से ज्यादा पदों को जीतने पर होगी, वहीं विद्यार्थी परिषद का पूरा प्रयास इस बार क्लीन स्वीप करने का है. गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव काफी बड़ा चुनाव माना जाता है. इसमें एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. डीयू से संबद्ध 91 कॉलेज में से 47 कॉलेज और पांच विभाग छात्रसंघ चुनाव में भाग लेते हैं, क्योंकि अन्य कॉलेजों का अपने कॉलेज स्तर का छात्रसंघ का चुनाव अलग होता है.
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छात्र संगठनों की जद्दोजहद जारी: वामपंथी छात्र संगठन पिछले कई सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी भी केंद्रीय पैनल में जीत दर्ज नहीं कर पाए हैं. वह भी इस बार जोर आजमाइश करने में लगे हुए हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला एबीवीपी और एनएसयूआई में ही माना जा रहा है. वामपंथी छात्र संगठनों को इस बार भी तीसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ सकता है. एनएसयूआई की कोशिश जहां एक से ज्यादा पदों को जीतने पर होगी. वहीं, विद्यार्थी परिषद का पूरा प्रयास इस बार क्लीन स्वीप करने पर है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव काफी बड़ा चुनाव माना जाता है इसमें एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. डीयू से संबद्ध 91 कॉलेज में से 47 कॉलेज और पांच विभाग छात्रसंघ चुनाव में भाग लेते हैं, क्योंकि बाकी अन्य कॉलेजों का अपने कॉलेज स्तर का छात्रसंघ का चुनाव अलग होता है.
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