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Rajasthan: उदयपुर में दूसरे दिन भी पैंथर का नहीं लगा कोई सुराग, वनकर्मी छान रहे चप्पा-चप्पा - PANTHER TRAPPED IN CAGE ESCAPES

सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक पिंजरे में कैद पैंथर भाग छूटा. वनकर्मी दूसरे दिन तक भी उसका पता नहीं लगा पाए.

Panther Trapped In Cage Escapes
पैंथर का नहीं लगा कोई सुराग (ETV Bharat Udaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 23, 2024, 7:20 PM IST

उदयपुर: सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक पैंथर पिंजरे से भाग निकला. इसे ढूंढने के लिए पिछले दो दिनों से वन विभाग की टीम बायोलॉजिकल पार्क का चप्पा-चप्पा छान रही है. लेकिन अभी तक पैंथर का कोई सुराग वन विभाग कर्मियों को नहीं मिला है. वहीं दूसरी ओर वन विभाग को लेकर कई लापरवाही के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. पिछले दिनों इस पैंथर को पकड़कर वन विभाग की टीम बायोलॉजिकल पार्क लेकर आई थी.

पैंथर को ढूंढ रहा वन विभाग: शहर के समीप लखावली गांव जो पैंथर पिंजरे में कैद हुआ था, वह मंगलवार की सुबह बायलोजिकल पार्क से भाग गया था. पैंथर देर रात पिंजरे में कैद हुआ था. उसके बाद वन विभाग की टीम बायलोजिकल पार्क लाई थी और पिंजरे को वहीं पर रखा दिया. इसके बाद मंगलवार की सुबह कर्मचारियों ने पिंजरे को देखा, तो पता चला कि पिंजरा खाली है और पैंथर पिंजरे के किनारे से प्लेट को तोड़कर भाग गया.

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इधर वन विभाग के अधिकारियों को जब यह सूचना मिली कि पैंथर खुले इलाके में भाग गया है, तब उनके होश उड़ गए और आनन-फानन में आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. तलाश शुरू करवाई, लेकिन दूसरे दिन भी पैंथर का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और सज्जनगढ़ अभयारण्य की पहाड़ियों पर पैंथर को खोजने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है.

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उदयपुर के बायलोजिकल पार्क से तेंदुए के भागने की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के आला अधिकारियों ने सज्जनगढ़ के बायलोजिकल पा​र्क में डेरा डाल दिया है और बैठक भी चल रही है. लेकिन विभागीय अधिकारी अपने विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही को छुपाने में लगे हुए है. 18 अक्टूबर को लखावली तालाब के पास तेंदुए ने एक बकरी का शिकार किया, उसी दौरान लोगों ने शोर मचाया, तो तेंदुआ बकरी को वहीं छोड़ भाग गया. इस बीच गांव वालों की मांग पर वन विभाग ने 19 अक्टूबर को पहाड़ी पर पिंजरा लगाया, जिसमें 21 अक्टूबर को तेंदुआ कैद हो गया था.

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अधिकारी क्या कुछ बोले: सहायक वन संरक्षक गणेशलाल गोठवाल बताया कि बायो पार्क के चारों तरफ जो सौर ऊर्जा से करंट प्रवाहित होने वाली फेंसिंग लगी है, वहां लेपर्ड नहीं जा सकता है. अगर वह जाने की कोशिश करता है, तो उसे करंट का झटका लगता है. हमारी टीम ने चारों तरफ पूरी फेंसिंग चेक कर ली, लेकिन कहीं हमें फेसिंग के टूटा होने का निशान नहीं मिला है. न ही ऐसे कोई पग मार्क बाहर की तरफ दिखे हैं. लखावली से पैथर ट्रैप पिंजरे में लेकर आए थे. हम एकदम से दूसरे पिंजरे में शिफ्ट नहीं करते. रेस्क्यू के बाद डिस्टर्ब नहीं किया जाता है. वह स्वस्थ था. कोई चोट के निशान भी नहीं थे, जो उसे निकाला जाता.

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