गोड्डा:लोकसभा चुनाव जरूर खत्म हो गया है लेकिन गोड्डा में राजनीतिक तपिश अभी भी गर्म है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदता किसी से छिपी नहीं है. आए दिन दोनों के बीच जुबानी तल्खियां सुनने को मिलती रहती हैं. एक बार फिर यही देखने मिल रहा है. चुनाव के पहले किए गए वादे को लेकर दोनों फिर आमने-सामने हैं. एक ओर निशिकांत दुबे प्रदीप यादव को उनके हारने के बाद संन्यास लेने का वादा याद दिला रहे हैं. तो वहीं प्रदीप यादव भी निशिकांत दुबे को उन्हीं की भाषा में जवाब दे रहे हैं.
दरअसल, गोड्डा लोकसभा चुनाव में निशिकांत दुबे ने जीत दर्ज की. वे कांग्रेस के प्रदीप यादव को हराकर लगातार चौथी बार गोड्डा के सांसद बने. निशिकांत दुबे ने प्रदीप यादव को लगभग एक लाख वोटों से हराया. चुनाव जीतने के बाद निशिकांत दुबे से पहली प्रतिक्रिया ली गई. जिस पर निशिकांत दुबे ने कहा कि प्रदीप यादव चौथी बार चुनाव हार गए हैं. वे एक लाख वोटों से हारे हैं. इससे पता चलता है कि चुनाव में उनका और प्रदीप यादव के बीच कोई मुकाबला ही नहीं था. उन्होंने कहा कि अब प्रदीप यादव विधानसभा चुनाव भी हार जाएंगे.
इसके बाद निशिकांत दुबे ने कहा कि अब प्रदीप यादव को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, क्योंकि उन्होंने खुद पिछले दिनों कहा था कि यह मेरा आखिरी चुनाव है. निशिकांत दुबे ने अपनी जीत का श्रेय मोदी की गारंटी और गोड्डा की जनता को दिया.
निशिकांत दुबे के बयान पर प्रदीप यादव ने कहा कि जनता ने उन्हें चाहा और पिछले चुनाव से डेढ़ लाख ज्यादा वोट दिए. दरअसल, आखिरी वक्त में जन बल पर धन बल हावी हो गया और सेवा की जगह मेवा की ताकत काम कर गई. निशिकांत दुबे के राजनीति से संन्यास लेने संबंधित बयान पर उन्होंने कहा कि पहले निशिकांत दुबे खुद बताएं कि उन्होंने आज तक जो भी वादे किए हैं, उन्हें पूरा किया या नहीं, उसके बाद वे जवाब देने के बारे में सोचेंगे.