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वामपंथी विचारधारा पर अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं युवा कैडर, बताया गया मार्क्स आज भी क्यों है जरूरी? - CPI TRAINED YOUNG CADRES

सीपीआई का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा है. यहां मार्क्सवादी और वामपंथी विचारधारा पर विशेष जोर दिया जा रहा है.

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प्रशिक्षण शिविर सम्मेलन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 17, 2025, 9:52 AM IST

रांची: देश में वामपंथी आधारित राजनीतिक ताकत धीरे-धीरे कमजोर होते जा रही है. ऐसे में कम्युनिस्ट और वामपंथी की विचारधारा आज के समय में कैसे ज्यादा प्रासंगिक है और किस तरह से घोर पूंजीवादी व्यवस्था में आम आदमी के हक और अधिकार समाप्त किए जा रहे हैं, इसकी जानकारी देने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के झारखंड स्टेट कार्यालय में युवा कैडरों की कक्षा लगाई गई है.

सौ वर्षों का स्वर्णिम संघर्षों का रहा है इतिहास: सीपीआई नेता

युवा पीढ़ी के कॉमरेडों को यह बताया जा रहा है कि पूंजीवादी व्यवस्था में कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों की और अधिक जरूरत क्यों है और कैसे हम अपने विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाकर पूंजीवाद से मुकाबला कर सकते हैं. वक्ताओं ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 100 वर्ष के सफर को स्वर्णिम सफर बताते हुए कहा कि देश में किसान-मजदूर की आवाज को बुलंद किया है.

सीपीआई नेताओं के अनुसार इन सौ वर्षों के स्वर्णिम काल में पार्टी ने संघर्षों का गौरवशाली इतिहास रचा है. आज जब पूंजीवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है तो ऐसे में देश में वामपंथ और कम्युनिस्ट पार्टियों का मजबूत होना बेहद जरूरी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कॉमरेड राजेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व सांसद कॉमरेड भुनेश्वर मेहता के साथ-साथ कई प्रदेशों के मार्क्सवादी चिंतक एवं शिक्षाविद प्रशिक्षण शिविर में 21वीं सदी में वामपंथ की जरूरत और कार्ल मार्क्स के विचारधारा के अधिक प्रासंगिक होने पर अपने विचार रखे हैं.

वैश्विक पूंजीवाद ने देश को ग्रसित कर लिया है- रणेन्द्र कुमार

सेवानिवृत आईएएस अधिकारी रणेन्द्र कुमार ने कहा कि वैश्विक पूंजी ने देश को ग्रसित कर दिया है और भारत आर्थिक गुलामी की ओर बढ़ रहा है. अति राष्ट्रवाद के नाम पर मजदूर, किसान, दलित एवं आदिवासियों पर केंद्र सरकार लगातार हमलावर है. ऐसे में प्रतिकार और जनता के हितों के साथ खड़े होने के लिए देश में एक मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी की आवश्यकता है.

पूंजीवादी व्यवस्था से लड़ने के लिए रणनीति बनानी होगी- कॉ. रामबाबू

प्रशिक्षण शिविर में शिक्षाविद और मार्क्सवादी चिंतक कॉमरेड रामबाबू ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गौरवशाली इतिहास मजदूर-किसान के हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने का है. संयुक्त बिहार में कम्युनिस्ट पार्टी ने एक ऐतिहासिक आंदोलन के बल पर अपनी जड़े जमाई थी, लेकिन आज पूंजीवाद से लड़ने के लिए हमें संघर्ष की नई राह की तलाश करनी होगी. उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी नजरिए से लोगों को सीखने की जरूरत है.

मार्क्सवाद सिद्धांत पर चलने से हर वर्ग का विकास संभव- कॉ. विजेंद्र केसरी

वहीं, कॉमरेड विजेंद्र केसरी ने कहा कि मार्क्सवाद के सिद्धांत सही है. उनके सिद्धांत को आत्मसात कर ही समाज के हर वर्ग का विकास संभव है. मार्क्स ने आदर्शवादी दार्शनिकों के विचारधारा को खारिज करते हुए भौतिकवादी और वैज्ञानिक चेतना को दुनिया के सामने लाया है. उन्होंने कहा कि पदार्थ का रूप परिवर्तन होता है. मार्क्सवाद ही वामपंथ का असली दर्शन है.

ये वामपंथी नेता भी हुए शामिल

सीपीआई के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, केडी सिंह, एटक के राज्य सचिव अशोक यादव, राजेंद्र यादव, जैनेंद्र कुमार, भंते अजय कुमार सिंह, सुजीत घोष, नेमन यादव, डॉ. सहगल, संतोष कुमार रजक, इम्तियाज खान, अंबुज कुमार ठाकुर, अनिरुद्ध कुमार, अजय सिंह, कन्हाई मल पहाड़िया, कृष्ण प्रसाद मेहता सहित कई नेता शामिल हुए.

ये भी पढ़ें: सीपीआई के स्थापना दिवस पर रांची में कार्यक्रम, वक्ताओं ने कहा- हमारा इतिहास मजदूर-किसानों के लिए संघर्ष का

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सौ वर्षों का स्वर्णिम संघर्षों का रहा है इतिहास: सीपीआई नेता

युवा पीढ़ी के कॉमरेडों को यह बताया जा रहा है कि पूंजीवादी व्यवस्था में कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों की और अधिक जरूरत क्यों है और कैसे हम अपने विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाकर पूंजीवाद से मुकाबला कर सकते हैं. वक्ताओं ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 100 वर्ष के सफर को स्वर्णिम सफर बताते हुए कहा कि देश में किसान-मजदूर की आवाज को बुलंद किया है.

सीपीआई नेताओं के अनुसार इन सौ वर्षों के स्वर्णिम काल में पार्टी ने संघर्षों का गौरवशाली इतिहास रचा है. आज जब पूंजीवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है तो ऐसे में देश में वामपंथ और कम्युनिस्ट पार्टियों का मजबूत होना बेहद जरूरी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कॉमरेड राजेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व सांसद कॉमरेड भुनेश्वर मेहता के साथ-साथ कई प्रदेशों के मार्क्सवादी चिंतक एवं शिक्षाविद प्रशिक्षण शिविर में 21वीं सदी में वामपंथ की जरूरत और कार्ल मार्क्स के विचारधारा के अधिक प्रासंगिक होने पर अपने विचार रखे हैं.

वैश्विक पूंजीवाद ने देश को ग्रसित कर लिया है- रणेन्द्र कुमार

सेवानिवृत आईएएस अधिकारी रणेन्द्र कुमार ने कहा कि वैश्विक पूंजी ने देश को ग्रसित कर दिया है और भारत आर्थिक गुलामी की ओर बढ़ रहा है. अति राष्ट्रवाद के नाम पर मजदूर, किसान, दलित एवं आदिवासियों पर केंद्र सरकार लगातार हमलावर है. ऐसे में प्रतिकार और जनता के हितों के साथ खड़े होने के लिए देश में एक मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी की आवश्यकता है.

पूंजीवादी व्यवस्था से लड़ने के लिए रणनीति बनानी होगी- कॉ. रामबाबू

प्रशिक्षण शिविर में शिक्षाविद और मार्क्सवादी चिंतक कॉमरेड रामबाबू ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गौरवशाली इतिहास मजदूर-किसान के हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने का है. संयुक्त बिहार में कम्युनिस्ट पार्टी ने एक ऐतिहासिक आंदोलन के बल पर अपनी जड़े जमाई थी, लेकिन आज पूंजीवाद से लड़ने के लिए हमें संघर्ष की नई राह की तलाश करनी होगी. उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी नजरिए से लोगों को सीखने की जरूरत है.

मार्क्सवाद सिद्धांत पर चलने से हर वर्ग का विकास संभव- कॉ. विजेंद्र केसरी

वहीं, कॉमरेड विजेंद्र केसरी ने कहा कि मार्क्सवाद के सिद्धांत सही है. उनके सिद्धांत को आत्मसात कर ही समाज के हर वर्ग का विकास संभव है. मार्क्स ने आदर्शवादी दार्शनिकों के विचारधारा को खारिज करते हुए भौतिकवादी और वैज्ञानिक चेतना को दुनिया के सामने लाया है. उन्होंने कहा कि पदार्थ का रूप परिवर्तन होता है. मार्क्सवाद ही वामपंथ का असली दर्शन है.

ये वामपंथी नेता भी हुए शामिल

सीपीआई के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, केडी सिंह, एटक के राज्य सचिव अशोक यादव, राजेंद्र यादव, जैनेंद्र कुमार, भंते अजय कुमार सिंह, सुजीत घोष, नेमन यादव, डॉ. सहगल, संतोष कुमार रजक, इम्तियाज खान, अंबुज कुमार ठाकुर, अनिरुद्ध कुमार, अजय सिंह, कन्हाई मल पहाड़िया, कृष्ण प्रसाद मेहता सहित कई नेता शामिल हुए.

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