शहडोल:प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि 144 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जिसे महाकुंभ कहा जा रहा है. इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए देश विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. लेकिन कुछ लोग इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने की जद्दोजहद में सुर्खियां बन रहे हैं. छत्तीसगढ़ के निर्भय लिल्लारे और भेदुराम मंडावी की कहनी भी कुछ ऐसी ही है. दोनों छत्तीसगढ़ से प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने के लिए साइकल से ही निकल पड़े हैं. और उसके पीछे भी एक विशेष वजह बताते हैं.
उठाया साइकल, निकल पड़े प्रयागराज
जनवरी का महीना चल रहा है, कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जंगली एरिया है और रात को 8 बज रहे थे. हमें बीच रास्ते पर दो ऐसे लोग मिले जिन्होंने साइकिल से ही महाकुंभ जाने के लिए ठाना है. उनमें से एक निर्भय लिल्लारे बताते हैं कि छत्तीसगढ़ डोंगरगढ़ के पास उनका गांव है और वहां से वे लोग 25 जनवरी को सुबह 5:18 बजे से घर से चले हैं. सोमवार को उनकी यात्रा का तीसरा दिन था और वे लगातार साइकिल चलाते जा रहे थे क्योंकि उन्हें जल्दबाजी थी और उनका लक्ष्य था कि हर हाल में 29 तारीख को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचना है.
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अमृत स्नान में शामिल होने का प्लान