भरतपुर: जिले के बयाना में वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. शिकारियों ने ऐतिहासिक विजयगढ़ किले के भीतर नीलगाय का शिकार कर वन्यजीव संरक्षण कानूनों की धज्जियां उड़ा दी. गुरुवार शाम को शिकारियों ने बंदूक से गोली मारकर एक नीलगाय को मौत के घाट उतार दिया और उसके अंग काटकर फरार हो गए. ये घटना न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा में बड़ी चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही को भी उजागर करती है.
ग्रामीणों ने सुनी गोली चलने की आवाज: स्थानीय फॉरेस्टर भूदेव मधु का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह भी संभावना जताई कि कभी-कभी तेंदुए भी नीलगाय पर हमला कर सकते हैं. मोरतालाब गांव के निवासियों के अनुसार गुरुवार शाम करीब 4 बजे चामड़ मंदिर की तरफ से गोली चलने की आवाज आई. जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने 4-5 शिकारियों को बंदूक लेकर भागते हुए देखा. घटनास्थल से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक मृत नीलगाय पाई गई, जिसके शरीर पर छर्रों के निशान थे. हालांकि शिकारी नीलगाय की चमड़ी और मांस नहीं ले जा सके, लेकिन उसके अंग काटकर ले गए.