हजारीबागः जिले के बरकट्ठा में साहेबउद्दीन की मॉब लिंचिंग में मौत नहीं हुई थी, बल्कि सड़क हादसे में उसकी जान गई थी. हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय और एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बुधवार को संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का खुलासा किया है.
मॉब लिंचिंग की बात गलत निकली
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों संदिग्ध स्थिति में साहेबउद्दीन नामक शख्स का शव पुलिस ने बरामद किया था. जिसे मॉब लिंचिंग की घटना बताई जा रही थी. पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट हुआ कि साहेबउद्दीन की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी.
साहेबउद्दीन हजारीबाग के बरकट्ठा में करता था काम
हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय ने बताया कि साहेबउद्दीन मूल रूप से कोडरमा जिला के जयनगर थाना क्षेत्र के रघुनियाडीह गांव का निवासी था और हजारीबाग के बरकट्ठा थाना क्षेत्र के बसरामों गांव में बच्चों को पढ़ाता था और मस्जिद में इमामत का काम करता था.
30 जून को सड़क हादसे में साहेबउद्दीन की हुई थी मौत
डीसी ने बताया कि दिनांक 30 जून को साहेबउद्दीन बरकट्ठा के ग्राम बसरामों से अपनी मोटरसाइकिल (नंबर JH10F- 9434) से अपने घर कोडरमा के ग्राम रघुनीयाडीह जा रहा था. इसी क्रम में बरकट्ठा थाना क्षेत्र के ग्राम छुतहरिकटिया पक्की सड़क के पास सुबह 08:10 बजे के करीब उसकी मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो गई और वह मोटरसाइकिल से गिर गया. इस हादसे में उसके सिर में गंभीर चोट आई थी और वह जख्मी हो गया था. वहीं इस हादसे में एक अनिता देवी नामक महिला भी घायल हो गई थी.
घायल साहेबउद्दीन को बरकट्ठा पुलिस ने पहुंचाया था अस्पताल