रांची: आधुनिक युग के बच्चों को मोबाइल और डिजिटल इक्विपमेंट्स के बारे में पूरी जानकारी रहती हैं. लेकिन कई बच्चे प्रकृति में रहे रहे जीव जंतुओं के बारे में बहुत कम जानते हैं. इसलिए आज की पीढ़ी को प्रकृति के बारे में बताने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के मद्देनजर झारखंड के वन विभाग और चिड़ियाघर प्रबंधन के द्वारा एक ऐसी प्रयास की गई है जिसके माध्यम से लोग विभिन्न जानवरों की विस्तृत जानकारी ले पाएंगे.
क्यूआर कोड स्कैन करने पर मिलेगी जानवरों की जानकारी
रांची के बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में घूमने आने वाले बच्चों के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने एक नई व्यवस्था की शुरुआत की है. विभाग के इस पहल से अब बच्चों को या चिड़ियाघर घूमने आए लोगों को किसी भी जानवरों के बारे में जानने के लिए किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. जैसे ही वह किसी भी जानवर को देखने के लिए पिंजरे के पास पहुंचेंगे कि पिंजरे के सामने लगे एक बोर्ड में क्यूआर कोड लगा रहेगा. उस क्यूआर कोड को जैसे ही बच्चे मोबाइल से स्कैन करेंगे वैसे ही उस जानवर के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी मोबाइल पर आ जाएगी.
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में होगी यह व्यवस्था
इस व्यवस्था को लेकर रांची चिड़ियाघर प्रबंधन की तरफ से जू के डॉक्टर ओम प्रकाश साहू ने बताया कि आजकल बच्चे मोबाइल के प्रति ज्यादा आकर्षित रहते हैं. इसलिए मोबाइल के माध्यम से ही उन्हें प्रकृति में रह रहे जानवरों के बारे में बताने का यह प्रयास चिड़ियाघर प्रबंधन की तरफ से किया गया है. उन्होंने बताया कि पहले पिंजरे के बाहर फ्लैक्स बोर्ड लगे रहते थे, जिसमें जानवरों के बारे में जानकारी लिखी रहती थी, लेकिन बच्चे और चिड़ियाघर में घूमने के लिए आने वाले लोग उसे पढ़ने में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखाते थे. इसके अलावा फ्लैक्स बोर्ड के माध्यम से भी विस्तृत जानकारी पूरी नहीं हो पाती थी.