लखनऊ: लखनऊ मेट्रो के प्रस्तावित ईस्ट वेस्ट कोरिडोर (चारबाग से वसंतकुंज) के डीपीआर की मंजूरी की एक बाधा खत्म हो गई है. पिछले करीब सात साल से इस कॉरिडोर पर काम शुरू ही नहीं हो पाया, क्योंकि डीपीआर को मंजूरी ही नहीं मिली. अब कुछ कदम आगे बढ़े हैं तो आने वाले दिनों में इस कॉरिडोर पर मेट्रो का काम शुरू होने की संभावना जाग गई है.
प्रस्तावित रूट मैप. (फोटो क्रेडिट- Etv bharat) इस रूट पर मेट्रो के संचालन से शहर की बड़ी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी. इस परियोजना को बीती 9 जुलाई को दिल्ली में हुई नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की मंजूरी मिल गई है. राज्य सरकार की तरफ से इस परियोजना को इसी साल मार्च माह में अनुमोदन मिल चुका है. अपर सचिव, औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की अध्यक्षता मे दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन मे एनपीजी की बैठक हुई.
चारबाग से वसंतकुंज के बीच होंगे 12 मेट्रो स्टेशन (फोटो क्रेडिट- Etv bharat) बैठक में प्रधानमंत्री गति शक्ति (PMG) नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रकार के यूटिलिटी (वाटर पाइप लाइन, ट्रांसमिशन लाइन, सीवर लाइन), रेलवे लाइन, पुरातत्व विभाग से संबंधित इमारत या स्मारक, बस स्टैन्ड, मल्टी मॉडल कानेक्टिविटी पर चर्चा की गई, जिसमें ईस्ट वेस्ट कोरिडोर मेट्रो निर्माण के लिए किसी भी प्रकार की बाधा नहीं पाई गई.
पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए मेट्रो निर्माण के लिए स्थलीय परीक्षण से पहले निर्माण के रास्ते में आने वाली विभिन्न यूटिलिटी जिनमें रेलवे लाइन, सीवर, नाले, संरक्षित स्मारक, हाईवे, पुल, फ्लाईओवर की बारीक और सटीक जानकारी मिल जाती है जिससे निर्माण की योजना बनाने में समय की बहुत बचत होती है. एनपीजी की बैठक में परियोजना से संबंधित विभाग जिनमें केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास, रक्षा, रेलवे, पर्यावरण एवं वन विभाग, वित्त के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
लखनऊ मेट्रो के नये प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू होने की उम्मीद (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत) एनपीजी के बाद अगला प्रमुख चरण पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड का होता है जिसमें परियोजना की मंजूरी के बाद केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से परियोजना की डीपीआर की मंजूरी की जरूरत होती है. चारबाग से वसंत कुंज तक प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें एलिवेटेड लंबाई 4.286 किलोमीटर होगी जबकि भूमिगत लंबाई 6.879 किलोमीटर होगी.
शहर की बड़ी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी (फोटो क्रेडिट- Etv bharat) इस कॉरिडोर में कुल स्टेशनों की संख्या 12 होगी, जिसमें सात भूमिगत और पांच एलिवेटेड स्टेशन होंगे. इस प्रस्तावित कॉरिडोर के पूरा होने का अनुमानित समय पांच साल और अनुमानित लागत 5081 करोड़ रुपए हैं. ये कोरिडोर मौजूदा नार्थ साउथ कोरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा. चारबाग मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन के तौर पर काम करेगा.
ये होंगे स्टेशन:
- चारबाग (भूमिगत)
- गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत)
- अमीनाबाद (भूमिगत)
- पांडेयगंज (भूमिगत)
- सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत)
- मेडिकल चौराहा (भूमिगत)
- चौक (भूमिगत)
- ठाकुरगंज (एलिवेटेड)
- बालागंज (एलिवेटेड)
- सरफराजगंज (एलिवेटेड)
- मूसाबाग (एलिवेटेड)
- वसंत कुंज (एलिवेटेड)
चारबाग से वसंत कुंज तक लखनऊ मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पुराने लखनऊ के प्रमुख स्थानों अमीनाबाद, चौक को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. यह अपने मार्ग के साथ अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को भी जोड़ेगा. शहरवासियों को सुविधा मिलेगी. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर को एनपीजी से मंजूरी बड़ी उपलब्धि है.
इस रूट पर मेट्रो के संचालन से शहर की बड़ी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी. (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत) लखनऊ में 5 सितंबर 2017 को पहली बार दौड़ी थी मेट्रो
बता दें कि लखनऊ मेट्रो रूट का निर्माण की शुरुआत 27 सितंबर 2014 को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक 8.5 किमी के साथ शुरू हुआ था. 5 सितंबर 2017 को इस रूट पर पहली बार मेट्रो चली थी. बाद में चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मेट्रो स्टेशन से मुंशी पुलिया तक रेड लाइन पर 9 मार्च 2019 को मेट्रो चली थी. अबी लखनऊ मेट्रो 22 स्टेशनों के साथ 22.87 किमी की दूरी तय करती है.
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