गिरिडीह: एक जगह हो तो कहे दर्द यहां होता है... ये लाइन आज गिरिडीह में चल रहे जल जीवन मिशन पर बिल्कुल सटीक बैठती है. ये मिशन पूरी तरह से धरातल पर लागू नहीं हो पा रहा है. लगभग हर गांव से गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही हैं. गांडेय प्रखंड से भी ऐसी ही शिकायतें आई हैं. इस प्रखंड के कई गांवों के लोगों की शिकायत है कि उनके गांव में टंकी लगी, पाइपलाइन बिछी लेकिन घरों में पानी नहीं पहुंचा. किस तरह से ठेकेदार ने प्रखंड के बुधुडीह, कारीबांक और झरघट्टा में लूट की गंध फैला दी है और पीएचईडी वन गिरिडीह के अधिकारी खामोश बैठे हैं. बड़ा सवाल खड़ा करता है.
हरेक जगह लूट का आलम
गांडेय के इन तीनों पंचायतों में कई गड़बड़ियां पाई गईं. इन तीनों पंचायतों में अलग-अलग जगहों पर योजना की शुरुआत की गई है. यहां पाया गया कि कई जगहों पर बोरिंग की गई, कहीं ड्राई बोरिंग की गई, इसके बावजूद टंकी बना दी गई. कहीं बोरिंग की गई, टंकी बन गई लेकिन मोटर नहीं लगाया गया, कहीं बोरिंग के बावजूद स्ट्रक्चर नहीं बनाया गया. कहीं पाइप को सड़क किनारे खुले में छोड़ दिया गया तो कहीं घर तक कनेक्शन ही नहीं दिया गया.
दूर-दूर से लाना पड़ रहा है पानी
बुधुडीह पंचायत के हरिजन टोला और संथाल टोला के ग्रामीणों का कहना है कि कुछ इलाकों में पानी के कनेक्शन के लिए पाइप बिछाई गई, लेकिन घरों में नल लगाने का काम अभी भी अधूरा है. कई जगहों पर घरों में कनेक्शन नहीं दिया गया और अगर कनेक्शन दिया भी गया तो नल नहीं लगाया गया. कुछ जगहों पर दो से तीन दिन तक पानी दिया गया, लेकिन उसके बाद सब सूख गया. ऐसे में लोग दूर-दराज के इलाकों से पानी लाने को मजबूर हैं.
यहां पड़ताल के दौरान यह भी पता चला कि सभी लोगों से आधार कार्ड ले लिए गए हैं. कुछ दिन पहले ठेकेदार के कर्मचारी आए थे. फोटो लेने वाले ने बताया था कि जल्द ही काम पूरा हो जाएगा. लेकिन यहां सिर्फ कागजों पर ही पानी दिया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारी यहां निरीक्षण के लिए आते हैं तो यहां के लोगों का ही मजाक उड़ाते हैं.
नल से पानी गिरा नहीं और हो गया FHTC