जयपुर की सूक्ष्म लेखन कलाकार नीरू छाबड़ा जयपुर.राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अमूल्य विचारों ने भारत के साथ ही दुनिया के लोगों को प्रेरित किया है. जयपुर की सूक्ष्म लेखन कलाकार नीरू छाबड़ा ने महात्मा गांधी के अमूल्य विचारों को चावल के दाने पर उकेर कर कलाकृतियां बनाई है. नीरू छाबड़ा ने सन 1984 में एक चावल के दाने पर दो अक्षरों से सूक्ष्म लेखन की शुरुआत की थी, जो कि अब एक ही चावल के दाने पर 108 अक्षर लिखने का रिकॉर्ड बन चुका है. नीरू छाबड़ा महात्मा गांधी के विचारों को कलाकृतियों के रूप में युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का काम कर रही है. चावल अक्षत होता है, यह कभी खराब नहीं होता. इसलिए चावल पर कलाकृतियां बनाने का उन्होंने विचार किया.
सूक्ष्म लेखन कलाकार नीरू छाबड़ा ने बताया कि 1984 में सूक्ष्म लेखन की शुरुआत की थी. दो अक्षरों से अपनी यात्रा शुरू की थी. एक ही चावल के दाने पर 108 अक्षर लिखने का उन्होंने रिकॉर्ड बनाया है. हिंदी में संविधान की पूरी परिभाषा भी उन्होंने चावल पर लिखा है. णमोकार और गायत्री मंत्र भी चावल पर लिखा है. अंग्रेजी में 108 अक्षर के साथ भारत के संविधान पर लिखी हुई सभी लिपियों को चावल के दानों पर लिखा गया है.
जयपुर की नीरू छाबड़ा ने बनाई कलाकृति उन्होंने चावल के दानों पर काफी कलाकृतियां बनाई है. सामाजिक, धार्मिक, पारिवारिक समेत कई विषयों पर कलाकृतियां बनाई है. उन्होंने कहा कि देश और विदेश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अपनी कला दिखाने का भी अवसर भी उनको मिल चुका है. भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से आयोजित किए गए कई मेले और प्रदर्शनियों में भाग लेने का भी उन्हें मौका मिला है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 6 कलाकारों को जर्मनी भेजा था. जर्मनी में भी उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
चावल पर गांधी जी के विचार गांधी जी के जीवन को चावल पर दर्शाया : नीरू छाबड़ा ने बताया कि मैंने गांधी जी के अमूल्य विचारों को अपनी कला के माध्यम से लिखने का प्रयास किया है. इन कलाकृतियों में गांधी जी के जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके जीवन की मुख्य घटनाओं को दर्शाया गया है. अहिंसा, धर्म और कुटीर उद्योगों के बारे में लिखकर कलाकृतियां बनाई है. गांधी जी ने कुटीर उद्योगों के बारे में जो बातें कही थी, उनको कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया गया है. चावल अक्षत होता है, यह कभी खराब नहीं होता. इसलिए चावल पर कलाकृतियां बनाने का विचार किया.
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मिल चुका नेशनल और स्टेट अवार्ड : नीरू छाबड़ा ने बताया कि महात्मा गांधी एक संत पुरुष थे. गांधी जी के विचार सभी विषयों पर सुदृढ़ और सिद्धांतवादी थे. सभी को गांधी जी के विचारों को अपनाना चाहिए. इससे देश समृद्धिशाली बनेगा. चावल पर कलाकृति बनाकर मुख्य रूप से अहिंसा और कुटीर उद्योगों पर लिखा है. इसके साथ ही गांधी जी के कई अमूल्य विचारों को चावल पर कलाकृति बनाकर लिखा है. इस कला के लिए नेशनल और स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है.
चावल पर गांधी जी की जीवन यात्रा गांधी जी के विचारों को युवा पीढ़ी तक लाना जरूरी :नीरू छाबड़ा ने कहा कि गांधी जी को पूरे विश्व में जाना जाता है. गांधी जी महान पुरुष थे. गांधी जी का आज जितना आदर और सम्मान करते हैं, उतना ही उनके विचारों का आदर सम्मान करते हैं. गांधी जी के विचारों को युवा पीढ़ी तक लाना जरूरी है. सभी को गांधी जी के विचारों के बारे में सुनना चाहिए और अमल करना चाहिए, जिससे हमारे देश का कल्याण हो.