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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 1, 2024, 7:27 PM IST

Updated : Apr 1, 2024, 7:44 PM IST

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नक्सली दहशत का असर, 24 बार टेंडर के बाद भी नहीं बनीं सड़क, फोर्स ने दी सुरक्षा तो सपना हो रहा साकार - Naxal Effected Aamora road

गरियाबंद में पिछले 15 साल से अटकी सड़क का काम अब पूरा होने जा रहा है.नक्सल क्षेत्र में निर्माण कार्य को लेकर काफी परेशानियों का सामना ठेकेदारों को करना पड़ा था.लेकिन सुरक्षा मिलने के बाद सड़क का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है.

Force security in Gariyaband
नक्सली दहशत के कारण 15 साल से अटकी थी सड़क

नक्सली दहशत के कारण 15 साल से अटकी थी सड़क

गरियाबंद : कहते है यदि किसी जगह पर विकास के पैमाने को नापना है तो बिजली,सड़क और पानी की व्यवस्था देख लिजिए.क्योंकि जिन जगहों पर ये बुनियादी सुविधाएं पहुंची वहां पर विकास अपने आप हो गया. लेकिन छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे भी हैं जहां पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.आज भी इन जगहों पर सड़क नहीं बन सकी है. लेकिन कहते हैं ना जहां चाह वहां रहा,इसी लाइनों को साकार कर रहे हैं हमारे जवान.जो दिन रात धुर नक्सल इलाके में सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा दे रहे हैं. जवानों की सुरक्षा के बदौलत पिछले 15 सालों से 31 किलोमीटर अटकी सड़क का काम अब धीरे-धीरे पूरा होने लगा है.

जवानों ने सड़क निर्माण के लिए दी सुरक्षा

24 बार हुआ टेंडर :गरियाबंद के अमामोरा से ओढ़ तक जाना जनता के लिए आसान हो जाएगा.वजह है कि 15 साल से अटकी 31 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य अब तेजी से हो रहा है. जनजाति बसाहट वाले 7 गांव के 3 हजार लोगों को विकास से जोड़ने के लिए साल 2007 में सड़क की रूपरेखा तैयार की गई थी.लेकिन नक्सल आतंक के कारण इस इलाके में सड़क निर्माण का काम पूरा ना हो सका. इस काम के लिए कई बार टेंडर भी हुए.लेकिन नक्सल खौफ इतना ज्यादा था कि कोई भी ठेकेदार इस इलाके में आकर रोड निर्माण के काम को पूरा नहीं कर पा रहा था. जब भी कोई ठेकेदार इस इलाके में आता तो मजदूरों का सामना नक्सलियों से होता.लिहाजा सड़क का काम ठंडे बस्ते में चला गया.

2022 में काम को मिली रफ्तार :साल 2022 में इस सड़क के निर्माण के लिए एक बार फिर प्रशासन ने कमर कसी. सुरक्षा इंतजाम के बाद 2022 में काम के लिए 20 करोड़ लागत से फिर से अनुबंध हुआ. जिस कच्ची सड़क पर रोड को पक्का किया जाना था.वहां सीआरपीएफ के पोस्ट स्थापित किए गए. छिंदौला और ओढ़ में सीआरपीएफ के दो कैंप खोल गए. पर्याप्त सुरक्षा मिली तो सड़क ने भी आकार लेना शुरु कर दिया. मौजूदा समय में करीब 10 किलोमीटर सड़क बन चुकी है. निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले अफसरों का दावा है कि जून तक सड़क का काम पूरा हो जाएगा.

''छिंदौला और ओढ़ गांवों में सीआरपीएफ के कैंप खोले गए हैं. इन कैंपों के खुलने के बाद सड़क का काम करने वाले लोगों को सुरक्षा मिली. लिहाजा अब सड़क का काम पूरा हो रहा है. अब तक साढ़े नौ किलोमीटर से ज्यादा की रोड बन चुकी है. उम्मीद है कि जून 2024 में काम पूरा कर लिया जाएगा.'' आरबी सोनी,कार्यपालन अभियंता,PMGSY

इस सड़क के काम को पूरा करने के लिए 5 फर्म को टेंडर दिया गया है.ताकि हर फर्म अपने निर्धारित जगह पर जाकर सड़क का काम पूरा कर सके. सड़क में सबसे पहले पुल का काम किया गया है.ताकि बारिश होने पर पानी जमने की समस्या ना हो.वहीं अब दोनों छोर से सड़क का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है.सड़क बनने के बाद इसके आसपास बसे 7 गांवों में विकास की बयार तेजी से बहेगी.

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Last Updated : Apr 1, 2024, 7:44 PM IST

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