नवादाःबिहार के नवादाजिले के कई इलाके भयंकर डायरिया की चपेट में हैं. खासकर रजौली प्रखंड इलाके के छतनी,ढाब और फुलवरिया डैम के पार वाले कुछ गांवों में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है. डायरिया के प्रकोप से बचाव को लेकर पीएससी प्रभारी डॉ. सौरभ कुमार निराला के निर्देश पर गांवों में मेडिकल कैंप लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है और गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है.
अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ःकई गावों में डायरिया फैलने के कारण रोज दर्जनों मरीज इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच रहे हैं.इनमें सबसे ज्यादा मरीज छतनी गांव के हैं. वे लोग बीते तीन-चार दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य में विशेष सुधार नहीं देखा जा रहा है जिससे मरीजों के परिजन परेशान दिखाई दे रहे हैं.
दो-तीन दिनों में तेजी से बढ़ी मरीजों की संख्याः अस्पताल में भर्ती मरीजों में छतनी गांव निवासी संदीप यादव की 4 वर्षीय बेटी टूसी कुमारी,रमेश प्रसाद की 15 वर्षीय बेटी ममता कुमारी,मुनीरक यादव की 9 वर्षीय बेटी छोटी कुमारी और 15 वर्षीय बेटी आरती कुमारी,मनोज यादव के 8 वर्षीय बेटे रोहित कुमार एवं पत्नी गुड़िया देवी,धनेश्वर यादव की बेटी नीलम कुमारी एवं अभिषेक कुमार के बेटे आर्यन कुमार के अलावा मिट्ठू राजवंशी के 55 वर्षीय बेटे सुरेश मांझी एवं अशोक यादव की 8 वर्षीय बेटी सुबेरी कुमारी शामिल हैं.
मरीजों ने लगाया सौतेले व्यवहार का आरोपः वहीं डायरिया पीड़ित मरीजों ने अनुमंडलीय अस्पताल के डाक्टरों पर सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है. पीड़ितों के मुताबिक ज्यादा तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टरों के निर्देश पर अस्पताल में भर्ती हुए थे लेकिन बिना पूरी तरह ठीक हुए ही डायरिया मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है. जिसके कारण फिर अस्पताल आना पड़ता है या रजौली के निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है.
"छ्तनी गांव में शुरुआत के दिनों में दो-तीन मरीजों से बढ़ते-बढ़ते संख्या दर्जनों में पहुंच गई है. अस्पताल कर्मियों के रवैये से परेशान कई लोग निजी क्लीनिक में अपना इलाज करवा रहे हैं,तो कई गरीब तबके के लोग सरकारी अस्पताल में ही किसी तरह अपना इलाज करवाने में जुटे हैं."-सरयू यादव, निवासी, छतनी