कोंडागांव : शारदीय नवरात्र के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है. वहीं कोंडागांव का बंगाली समुदाय आज से दुर्गा पूजा की शुरुआत करने जा रही है. समुदाय के लोग जोर शोर से दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. दुर्गोतेसव समिति दुर्गा पूजा का आयोजन को बड़े उत्साह के साथ करती है, जिसका कोण्डागांव के लोग साल भर से इंतजार करते हैं.
आज से दुर्गा पूजा की होगी शुरुआत : बंगाली समुदाय में शारदीय दुर्गा पूजा का आयोजन षष्ठी तिथि से शुरू किया जाता है. कोंडागांव की डीएनके ग्राउण्ड दुर्गोत्सव समिति बड़े धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन करने जा रही है. इसलिए पूरा बंग समुदाय माता के उत्सव की तैयारियों में जुट गया है. डीएनके ग्राउण्ड में पंडाल सज गए हैं, भोग और प्रसाद की तैयार में बंगाली समाज की महिलाएं जुटी हुई है.
यह शारदीय नवरात्रि है, जिसे बंगाली समुदाय उत्सव के रूप में मनाती है. नवरात्र की षष्ठी से हम मां दुर्गा की पूजा शुरु करते हैं. जिसके बाद सप्तमी, अष्टमी, नवमी और फिर दशमी को मां को विदाई देते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. : शंकर सरकार, बंगाली सुमुदाय
बंगाली समुदाय करेगी दुर्गोत्सव की शुरुआत : बंगाली समुदाय मूर्तियों की स्थापना नवरात्रि के षष्ठी के दिन करेगी, जिसके साथ ही दुर्गोत्सव की शुरुआत भी होगी. समिति ने दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण के लिए कोलकत्ता से विशेष कारीगर बुलाए हैं. कलकत्ता से ढाकी का दल आ रहा है, जो ढाक का विशेष प्रदर्शन करेंगी.
दुर्गा पूजा का इंतेजार हमें सालभर रहता है. यह त्योहार पूरा बंगाली समाज एकजुट होकर मनाते हैं. हम सभी महिलाएं माता की पूजा की तैयारी में जुटी हुई हैं. महिलाएं मिलकर नारियल का लड्डू बनाते हैं, खिचड़ी भोग भी बनाते हैं, जिसे यहां के लोग आनंद से खाते हैं. महिला आरती बड़े उत्साह के साथ हम महिलाएं करती है. : सुनीता बरुआ, बंगाली सुमुदाय
डीएनके ग्राउण्ड दुर्गोत्सव समिति का विशेष आकर्षण : डीएनके ग्राउण्ड दुर्गोत्सव समिति अपने 65वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. इसलिए खास तैयारियों के चलते कोंडागांव वासियों के लिए यह विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा. दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण कोलकत्ता के कलाकारों ने किया है. यहां मां की संध्या आरती का आयोजन समिति की महिलाओं द्वारा किया जाएगा. साथ ही तीन दिवसीय डांस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा. जिसमें विजेताओं के लिए प्रथम पुरस्कार 21,000 रुपये और द्वितीय पुरस्कार 15,000 रुपये रखा गया है. चार ढाकी वादकों के संगीत के साथ प्रतिदिन की संध्या आरती भी आयोजन का मुख्य आकर्षण रहेगी.