बिहार

bihar

ETV Bharat / state

गया में 60 फीट का रावण.. 55 फीट का कुंभकरण और 50 फीट के मेघनाद के पुतले का होगा दहन

गया में तीन पीढ़ियों से मुस्लिम परिवार रावण दहन के लिए पुतले बनाता आ रहा है. इस बार डमरू से अबीर-गुलाल उड़ाने की तैयारी है.

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 4 hours ago

Dussehra 2024
गया में रावण वध (ETV Bharat)

गया: बिहार के गया में साल 1957 से दशहरे के मौके पर रावण वध की परंपरा है. इसे देखने के लिए भारी भीड़ गांधी मैदान में जुटती है. इस साल 60 फीट का रावण, 55 फीट का कुंभकरण और 50 फीट का मेघनाद का पुतला बनाया गया है. यहां की खास बात ये है कि एक मुस्लिम परिवार तीन पीढ़ियों से आज भी रावण दहन के लिए पुतले बनाता आ रहा है. उन्होंने 1 महीने में पुतले को बांस कपड़े व अन्य सामग्री का उपयोग कर बनाया है.

कई पीढ़ियों से पुतले बना रहा मुस्लिम परिवार: रावण वध का पुतला बनाने वाले मोहम्मद कल्लू बताते हैं, कि उनकी कई पीढियां पूर्व में पुतले का निर्माण करती थी, अब वे कर रहे हैं. पिछले कई सालों से उनके द्वारा ही रावण वध के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले बनाए जा रहे हैं. इस तरह रावण वध कार्यक्रम के पुतले मुस्लिम परिवार के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी बनाते आ रहे हैं.

गया में मुस्लिम कारीगर (ETV Bharat)

वाराणसी के कलाकार करेंगे ये खास काम: वहीं इस बार वाराणसी के कलाकार विशेष डमरू के साथ गया पहुंचेंगे. वहां डमरू से अबीर-गुलाल उनके द्वारा उड़ाया जाएगा. जहां पर रावण दहन होगा, वहां पर अबीर गुलाल उड़ेगा. वहीं बाहरी क्षेत्र में भी इन कलाकारों के द्वारा डमरू की थाप से अबीर-गुलाल उड़ाया जाएगा, जो एक आकर्षण का होगा.

गांधी मैदान में तैयारी पूरी: गांधी मैदान में होने वाले रावण वध की तैयारी पूरी कर ली गई है. गांधी मैदान में बैरेकेटिंग, सीसीटीवी लगाए जाएंगे. यहां काफी तादाद में फोर्स की तैनाती भी होगी. मेटल डिटेक्टर भी लगाया जाएगा. भीड़ को देखते हुए वॉच टावर भी बनाने की तैयारी है. विजयादशमी के दिन होने वाले रावण वध को लेकर सुरक्षा की पुख्ता तैयारी रहेगी. जिला प्रशासन के पदाधिकारी रावण वध कार्यक्रम को लेकर गांधी मैदान का मुआयना भी कर रहे हैं.

50 हजार से अधिक जुटती है भीड़: रावण वध को देखने के लिए गांधी मैदान में 50 हजार से अधिक लोगों की भीड़ होती है. ऐसे में भीड़ को संभालना मुश्किल होता है. इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन के द्वारा गांधी मैदान में तैयारी का मुआयना किया गया. बाहर निकलने और अंदर प्रवेश को लेकर अलग-अलग गेट बनाए गए हैं. वीआईपी के लिए अलग गेट रहेंगे, वहीं आम लोगों के लिए अलग-अलग गेट होंगे.

गया में दशहरा की तैयारी (ETV Bharat)
67 साल से है रावण वध की परंपरा: इस संबंध में श्री दशहरा कमेटी के मीडिया प्रभारी रंजीत ब्रह्मपुरिया ने बताया कि 67 साल से रावण वध की परंपरा रही है. श्री दशहरा कमेटी गया के द्वारा इसका आयोजन वर्ष 1957 से किया जा रहा है. हर साल सफलतापूर्वक संचालन होता है. इस बार भी पूरी तैयारी है. रावण वध में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े, इसे लेकर हर तरह की तैयारी की गई है. किसी को कोई दिक्कत न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

"1957 से रावण वध की परंपरा है, जो लगातार जारी है. रावण वध को लेकर गांधी मैदान में पूरी तैयारी की गई है. जिला प्रशासन के लोगों ने भी यहां आकर मुआयना किया है. जिला प्रशासन की देखरेख में रावण वध की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है."-रंजीत ब्रह्मपुरिया, मीडिया प्रभारी, श्री दशहरा कमेटी

"इस बार रावण वध में बनारस से भी कलाकार आएंगे. आतिशबाजी के बीच रावण वध होगा. वही राम लक्ष्मण, हनुमान एवं अन्य देवी देवताओं के रूप में बने कलाकार रावण वध की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. बनारस से विशेष कलाकार डमरू से गुलाल उड़ाएंगे."-अजय तरवे, अध्यक्ष श्री दशहरा कमेटी, गया

पढ़ें-बिहार के इस मंदिर में दी जाती थी नर बलि, वीर आल्हा-ऊदल से जुड़ी है कथा

ABOUT THE AUTHOR

...view details