मंडी: हिमाचल प्रदेश देवभूमि होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर राज्य है. हिमाचल में कई प्रकार की औषधीय जड़ी बूटियों की भरमार है. ऐसा ही औषधीय गुणों वाला एक प्राकृतिक फल हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में पाया जाता है. इस प्राकृतिक फल का नाम सी बकथॉर्न है. सी बकथॉर्न के फल और पत्तियों से तैयार होने वाले उत्पाद बेहद गुणकारी होते हैं और ये सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होते हैं. जिससे बने उत्पाद काफी महंगे दामों पर बिकते हैं. हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति घाटी 6 महीने के लिए बर्फ की चादर ओढ़ लेती है और यहीं पर सी बकथॉर्न फल पाया जाता है.
1 हजार प्रति लीटर जूस
इस बार मंडी में शिवरात्रि महोत्सव के दौरान सरस मेले में सी बकथॉर्न की स्टॉल लगाया गया था. मेले में इस प्राकृतिक फल से बने उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री का स्टॉल लगाया गया. ये स्टॉल लाहौल स्पीति के यांगला गांव की निवासी पूनम ने लगाया था. पूनम बताती हैं कि मेले में उनके द्वारा सी बकथॉर्न के जूस को भी स्टॉल में शामिल किया गया था, जिसकी कीमत 1 हजार रुपए प्रति लीटर है.
20 हजार प्रति लीटर तेल
पूनम ने बताया कि फल का जूस निकालने के बाद जो बीच बच जाता है, उससे सी बकथॉर्न का तेल निकाला जाता है, जो कि 20 हजार रुपए प्रति लीटर की दर पर बिकता है. इस तेल का इस्तेमाल सामान्य रूप से खाने, दवाइयां और ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में किया जाता है. सी बकथॉर्न पेड़ की छाल और तेल निकालने के बाद बचे वेस्ट मटिरियल से फेस स्क्रब बनाया जाता है. इससे स्किन डैमेज को रिपेयर करने में मदद मिलती है. पूनम ने बताया कि सी बकथॉर्न पेड़ का हर भाग बहुत ही कीमती और बहुपयोगी होता है.