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मसूरी में राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद की नेशनल एग्जीक्यूटिव की बैठक, निवेशकों को मिला भरोसा - Real estate business in Uttarakhand

Real estate business in Uttarakhand रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने को लेकर मसूरी में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मंत्री प्रेमचंद और मंत्री गणेश जोशी ने मौजूद रहते हुए रोजगार के साथ ही सरकार को मिलने वाले राजस्व पर भी चर्चा की.

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मसूरी में राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद की नेशनल एग्जीक्यूटिव की बैठक (PHOTO- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 21, 2024, 3:46 PM IST

Updated : Jul 21, 2024, 5:17 PM IST

मसूरी में राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद की नेशनल एग्जीक्यूटिव की बैठक (VIDEO- ETV Bharat)

मसूरीःउत्तराखंड में रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शनिवार को मसूरी में राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद उत्तराखंड का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहरी विकास मंत्री और कृषि मंत्री गणेश जोशी ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया. राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उत्तराखंड में रियल एस्टेट के माध्यम से होने वाले विकास पर चर्चा की गई.

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि डेवलपर का नाम ही विकास है. कहा कि उत्तराखंड में काम करने की अपार संभावना हैं. राज्य के बड़े शहरों से तेजी से आबादी बढ़ रही है. सरकार अब राज्य में 22 नए टाउनशिप विकसित करने पर विचार कर रही है. इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट से रोजगार के साथ ही सरकार को राजस्व भी मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में अच्छी सड़कों का निर्माण हुआ है. दिल्ली से देहरादून दो घंटे के भीतर पहुंचने की व्यवस्था हो गई है. यहां रेलवे सेवा का अच्छा विस्तार हुआ है. हवाई सेवा अच्छी है. स्पष्ट किया कि रियल एस्टेट में निवेश करने वालों को सरकार पूरा सहयोग देगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में रोजगार के साधन उपलब्ध हो, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. पूर्व में इन्वेस्टर समिट आयोजित किया गया था. जिसके बाद 72 एमओयू साइन किए गए. जिसमें से कई की ग्राउंडिंग हो गई है. जिससे प्रदेश का राजस्व के साथ रोजगार उपलब्ध होगा.

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पर्यटन राज्य होने के नाते उत्तराखंड में रियल एस्टेट विकास की अपार संभावनाएं हैं. यहां पूरे वर्ष पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और घूमने का शौक रखने वाले उत्साहित लोगों का आना जाना लगा रहता है. दूसरी वजह मेट्रो शहरों में जमीन की कमी ने देश के छोटे शहरों की ओर कंपनियों का ध्यान केंद्रित किया है. यह पेशेवरों को समायोजित करने के लिए प्रौद्योगिकी क्षेत्र को अधिक आवासीय स्थान की आवश्यकता है. जैसा कि देहरादून शहर को थीम टाउनशिप में बढ़ने के लिए प्रेरित किया भी जा रहा है, जहां वाणिज्यिक और खुदरा विकास, प्रस्तावित आईटी/एसईजेड के साथ आवासीय क्षेत्र को उच्च स्तर पर देखा जा रहा है.

परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरी बाबू ने कहा कि रियल एस्टेट देश की आर्थिकी की रीढ़ है. भारतीय अर्थव्यवस्ता की आठ फीसदी जीडीपी का हिस्सा रियल एस्टेट व्यवसाय से आता है. इस दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.

उपाध्यक्ष राजन बंधेलकर ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी रियल एस्टेट की अपार संभावना है. जरूरत ईमानदारी से काम करने की है. सरकार को भी इस दिशा में काम करना होगा. राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद के उत्तराखंड के अध्यक्ष और शिखर समूह चेयरमैन मनोज जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने उत्तराखंड में रियल एस्टेट कारोबार की संभावनाओं पर विचार रखें. जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में रियल स्टेट को और बेहतर बनाने के लिए काम करने की जरूरत है. यहां की भौगोलिक स्थिति और पर्यावरण को देखते हुए टाउनशिप का निर्माण करने पर विचार किया जाना चाहिए.

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Last Updated : Jul 21, 2024, 5:17 PM IST

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