नर्मदापुरम: सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए तमाम जतन कर रही है. प्राइमरी के बच्चों को फ्री शिक्षा से लेकर मिड डे मील जैसी तमाम सुविधाएं देने के बाद भी सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या संतोषजनक नहीं हो पा रही है. लेकिन नर्मदापुरम में एक शिक्षक ने अलग तरह की मिसाल पेश करते हुए बच्चों को स्कूल तक लाने का अनोखा प्रयास किया है. वे स्कूल में गैरहाजिर बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए उनके घर पहुंच जाते हैं. मास्टर साहब का यह जज्बा गजब का है. उनकी मेहनत रंग भी ला रही है. स्कूल में बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है.
बंद होते स्कूल को अनोखे तरीके से किया जिंदा
मामला नर्मदापुरम के सिवनी मालवा के लही गांव के प्राइमरी विद्यालय का है. यहां पर पदस्थ टीचर संजू बारंगे ने अनोखी मिसाल पेश करते हुए बच्चों को स्कूल तक लाने का अनोखा तरीका अपनाया है जो काफी कारगर साबित हो रहा है. संजू बारंगे बताते हैं कि, "जब मुझे लही प्राइमरी स्कूल का प्रभार दिया गया था तब स्कूल बंद होने की कगार पर था. स्कूल में सिर्फ 6 बच्चे थे. मैंने घर-घर जाकर गांव वालों से बात की और उनसे अपने बच्चों को स्कूल भेजने का निवेदन किया. अब स्कूल में 25 बच्चे हैं. 5 बच्चों का और एडमिशन होने वाला है."