नर्मदापुरम: हॉकी के ओलंपिक इतिहास में लगातार दूसरी बार भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इसकी खुशियां पेरिस से लेकर मध्य प्रदेश के छोटे से गांव चांदोन तक मनाई जा रही हैं. दरअसल मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के छोटे से गांव चांदोन में जन्में विवेक सागर देश की ओलंपिक टीम का हिस्सा है और मैच में विवेक के सराहनीय योगदान के कारण देश को कांस्य पदक मिला है. इसी जीत को लेकर पूरा जिला विवेक के परिवार के साथ जश्न में शरीक है. इस दौरान विवेक के गांव में जश्न का माहौल है. इस दौरान ढोल बाजे के साथ नाच गाना कर सभी लोग पेरिस ओलंपिक में हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने की खुशी मना रहे हैं.
सीएम मोहन यादव ने दिया ईनाम
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से विवेक सागर को बड़ा ईनाम दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा "जिस लगन और परिश्रम से टीम ने देश को गौरवान्वित किया है, वह प्रशंसनीय है." माना जा रहा है कि इस जीत पर कई और संगठन विवेक सागर पर पैसों की बरसात कर सकते हैं.
दोनों ही मैचों में विवके का अहम योगदान
पेरिस में खेले जा रहे हैं ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में भारत की टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया. भारत की हॉकी टीम ने ओलंपिक में लगातार दूसरी बार ब्रॉन्ज मेडल जीता है. ओलंपिक के इन दोनों ही मुकाबलों में इटारसी के चांदोन गांव निवासी विवेक सागर का अहम योगदान है. विवेक बचपन से ही हॉकी के दीवाने थे और गांव के कच्चे मैदान से प्रैक्टिस करते हुए विवेक लगातार भारत की ओर से दूसरी बार ओलंपिक टीम का हिस्सा बने हैं. टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर मध्य प्रदेश सरकार ने विवेक को डीएसपी की नौकरी दी थी. साथ ही उन्हें एकलव्य अवॉर्ड से भी नवाजा था.
गांव में जश्न का माहौल
विवेक के भाई विद्यासागर ने बताया कि, ''पूरे गांव में जश्न का माहौल है. घर और गांव में ढोल बजाकर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि "ब्रॉन्ज मेडल मिलना भी एक बड़ी बात है." विवेक के पिता रोहित प्रसाद का कहना है कि "बहुत ही अच्छा लग रहा है, शुरू से मेरे द्वारा तो कई बार विवेक को हॉकी खेलने के लिए मना किया जाता था, लेकिन जब विवेक आज जिस मुकाम पर पहुंचा है, तो बहुत खुशी होती है.''