शिवपुरी: शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के माधव टाइगर रिजर्व में तब्दील होने के बाद गुरुवार को क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार शिवपुरी पहुंचे. यहां उन्होंने टाइगर रिजर्व सफारी वाहन, टाइगर रिजर्व के ऑनलाइन टिकट सिस्टम, कैफेटेरिया और सुविनियर शॉप का उद्घाटन किया. इसके बाद वह टाइगर सफारी वाहन की ड्राइविंग सीट बैठे तथा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को वाहन में बिठा कर जार्ज कैसल तक ले गए.
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वहां उन्होंने जीर्णेाद्धार के उपरांत जार्ज कैसल का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया के जरिए इस बात की भी घोषणा की कि एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) ने माधव टाइगर रिजर्व में दो और टाइगर की अनुमति दे दी है, जिन्हें अप्रैल माह से पहले यहां लाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन दोनों टाइगर्स को उस क्षेत्र में नहीं छोड़ा जाएगा जहां पर 10 मार्च 2023 को तीन बाघ को छोड़ा गया था. ये दोनों टाइगर दूसरे क्षेत्र में छोड़े जाएंगे.
40 करोड़ से ठीक होगा चांदपाठा का रिसाव, होगा भवनों का जीर्णोद्धार
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने यह भी कहा कि माधव टाइगर रिजर्व का हिस्सा चांदपाठा झील में जो रिसाव आ रहा है, उसके लिए 40 करोड़ रुपये की डीपीआर बनने जा रहा है. इस राशि से चांदपाठा का रिसाव ठीक करने के साथ ही टाइगर रिजर्व सहित आसपास की इमारतों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा.
अब विश्व भर में कहीं से भी हो सकेगी बुकिंग
माधव टाइगर रिजर्व में अब तक होने वाली ऑफलाइन बुकिंग सिस्टम को अपग्रेड करके आज से ऑनलाइन कर दिया गया है. केंद्रीय मंत्री ने इसका भी उद्घाटन किया. उनका कहना था कि अब विश्व भर में कहीं से भी माधव टाइगर रिजर्व की बुकिंग की जा सकेगी.
अफ्रीका की अर्थव्यवस्था वाइल्ड लाइफ टूरिज्म से चल रही है
23 दिसंबर 2024 को कांग्रेस के पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल किया था कि शिवपुरी जिले में चारों तरफ टाइगर पालने का जो कारोबार चल रहा है, उससे किसका भला हो रहा है? केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उसका जबाव देते हुए कहा कि शायद लोगों को अनुभव न हो, लेकिन विश्व भर में पर्यावरण के आधार पर कितनी आर्थिक प्रगति हो रही है. सिंधिया के अनुसार आज अफ्रीका की पूरी अर्थवयवस्था वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के आधार पर ही चल रही है. इसके अलावा भारत में भी कारबेट नेशनल पार्क से रणथम्भौर या कान्हा अथवा दक्षिण भारत के नेशनल पार्क, वहां की अर्थवयवस्था का बड़ा आधार वाइल्ड लाइफ टूरिज्म ही है.
देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में
केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2023 में देश में बाघों की गणना का आंकड़ा जारी किया है. आंकड़े के अनुसार देश में सबसे अधिक 785 बाघ मध्य प्रदेश में है. दुनिया के कुल बाघों में 75 फीसदी भारत में है. गौरतलब है कि देश में साल 2006 में कुल 1411 बाघ थे जो 2010 में बढ़कर 1706, 2014 में 2226, 2018 में 2967 और 2022 में 3682 हो गए.