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1400 करोड़ खर्च कर क्यों है विंध्य का नर्मदा जल प्रोजेक्ट अधूरा? हाईकोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट - Narmada Water Project Vindhya

विंध्य क्षेत्र में चल रही स्लीमनाबाद टनल प्रोजेक्ट में की जा रही घनघोर लापरवाही को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट ने इस परियोजना की पूरी स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. ये परियोजना 3 साल में पूरी की जानी थी लेकिन 13 साल बाद भी काम अधूरा है. इस परियोजना में अब तक तय राशि से दोगुनी राशि खर्च हो चुकी है.

Narmada Water Project Vindhya
स्लीमनाबाद टनल प्रोजेक्ट की हाईकोर्ट में सुनवाई (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 1:12 PM IST

Updated : Sep 20, 2024, 3:40 PM IST

कटनी।विंध्य क्षेत्र में नर्मदा जल लाने के लिए परियोजना को राज्य सरकार ने मंजूरी दी. इसके बाद स्लीमनाबाद टनल प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ. इसकी अवधि करीब 3 साल रखी गई. इस समयावधि के अंदर काम पूरा किया जाना था. ताज्जुब ये है कि परियोजना को शुरू हुए 13 साल पूरे हो गए. लेकिन परियोजना का काम कब तक पूर होगा, इसका कोई ठिकाना नहीं है. इस परियोजना के तहत कटनी, मैहर, सतना और रीवा जिले को नर्मदा जल की सप्लाई की जानी है. दरअसल, इसके लिए 800 करोड़ का बजट निर्धारित था लेकिन अब तक 14-1500 करोड़ हो खर्च होने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है.

जनहित याचिका में प्रोजेक्ट संबंधी ये तथ्य रखे गए

इस मामले में अधिवक्ता वरुण तनखा के माध्यम से युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा अंशू द्वारा दायर जनहित याचिका दायर की गई. इस मामले की हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वरुण तन्खा ने कोर्ट को बताया "सिहोरा से 11 हजार 953 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य का टेंडर साल 2008 में हुआ था. 3 साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा हो जाना था, लेकिन योजना आज भी अधर में है. कोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर इस परियोजना की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है."

अधिवक्ता वरुण तनखा (ETV BHARAT)

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हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद

याचिका में कहा गया है कि टनल से संबंधित अन्य दूसरे कार्य भी इसी टेंडर की प्रक्रिया के तहत होने थे, लेकिन उन कार्यों के लिए नर्मदा विकास प्राधिकरण ने अलग से टेंडर जारी कर मोटी रकम जारी कर दी. विधानसभा में भी जब यह सवाल उठा था तो राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब में यह बात सामने आई है कि अब तक इस योजना के लिए करीब 1400 करोड़ का पेमेंट सरकार द्वारा कर दिया गया है. साथ ही याचिका में हवाला दिया कि जो भी निर्माण कार्य टेंडर का हिस्सा थे, उन निर्माण कार्यों में कई कामों का नए सिरे से टेंडर जारी किया गया. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.

Last Updated : Sep 20, 2024, 3:40 PM IST

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