पटना:नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 10 दिनों में ही 19 जून को बिहार का दौरा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री के दौरे से बिहार की उम्मीदें जगी है. बिहार की कई मांगे हैं जो अधूरी हैं, इनमें विशेष राज्य के दर्जे की मांग सबसे ऊपर है. खुद नीतीश कुमार कई बार इसकी मांग कर चुके हैं. ऐसे में जब पीएम बिहार आएंगे तो एक बार फिर से इसपर चर्चा हो सकती है.
पीएम मोदी का बिहार दौरा:बिहार में इस बार एनडीए को 40 में से 30 सीट मिली है. 2019 के मुकाबले 9 सीटों का नुकसान हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ा गया, मोदी गारंटी की बात कही गई लेकिन उसके बावजूद भाजपा को सबसे अधिक 5 सीटों का नुकसान हुआ है. केंद्र में सरकार बनने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री का दौरा हो रहा है. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे.
कई मुद्दों पर हो सकती है चर्चा: इस बार केंद्र में सरकार में जदयू भी शामिल है. वहीं बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं . ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कई मुद्दे पर बातचीत हो सकती है. राजनीतिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार इस मौके को बिहार के पक्ष में कितना भुना पाते हैं यह तो देखने वाली बात होगी.
19 जून को नालंदा का दौरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जून को नालंदा का दौरा करने वाले हैं. नालंदा विश्वविद्यालय के कैंपस का उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे. भाजपा के उपमुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं. प्रधानमंत्री के दौरे की चर्चा इसलिए खूब हो रही है क्योंकि अभी प्रधानमंत्री तीसरी बार शपथ लेने के 10 दिनों में ही बिहार का दौरा कर रहे हैं. बिहार में इस बार एनडीए का परफॉर्मेंस बहुत अच्छा नहीं रहा है.
बीजेपी को लोकसभा चुनाव में नुकसान:पूरा चुनाव मोदी की गारंटी के नाम पर लड़ा गया. मोदी ने 15 जनसभा बिहार में की और राजधानी पटना में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने रोड शो भी किया. चुनाव अवधि के दौरान दो बार प्रधानमंत्री पटना में रात्रि विश्राम भी किये, लेकिन इन सब के बावजूद बीजेपी और एनडीए को सीटों का नुकसान हुआ है.
ये मांग आज भी अधूरी: ऐसे केंद्र में जो सरकार बनी है उसमें जदयू भी शामिल है. जदयू के दो मंत्री बनाए गए हैं, लेकिन बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने की मांग, विशेष पैकेज देने की मांग , पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग सहित कई मांगे हैं जो अभी तक अधूरी है.
JDU बना मजबूरी!: इसके साथ बिहार विधानसभा का चुनाव 2025 में होना है लेकिन उसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. नीतीश कुमार चाहते थे कि 2024 लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा का चुनाव हो जाए लेकिन बीजेपी उस समय तैयार नहीं हुई. अब केंद्र में जदयू सरकार में महत्वपूर्ण भागीदार है. बीजेपी को इस बार अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है इसलिए सरकार में जदयू को शामिल करना मजबूरी भी है. इसके साथ जदयू की जो मांग है उसे पूरा करने का काफी दबाव है.
राजनीतिक विशेषज्ञ की राय: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आ रहे हैं. नालंदा में जो कार्यक्रम है उसमें नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. केंद्र में इस बार जो सरकार बनी है उसमें जदयू भी भागीदार है. नीतीश कुमार किंग मेकर के तौर पर चर्चा में रहे हैं लेकिन बिहार की कई अपेक्षाएं भी रही हैं.