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उत्तराखंड में एक्शन में नारकोटिक्स, ₹22 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स होगी डिस्पोजल - DISPOSAL OF NARCOTICS IN DEHRADUN

उत्तराखंड में 2022 से 2025 तक 22 करोड़ रुपए से ज्यादा की बरामद नारकोटिक्स ड्रग्स का डिस्पोजल होगा.

DISPOSAL OF NARCOTICS IN DEHRADUN
22 करोड़ रुपए से ज्यादा की नारकोटिक्स ड्रग्स होगी डिस्पोजल (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 24, 2025, 9:45 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 10:09 PM IST

देहरादून: मादक पदार्थों के डिस्पोजल को लेकर आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वर्चुअली जुड़े. पिछले 3 साल में कुल 22 करोड़ रुपए से अधिक के मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं, जबकि 907 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. ये जानकारी डीजीपी दीपम सेठ ने दी है.

बता दें कि उत्तराखंड पुलिस द्वारा नशे की तस्करी और बिक्री पर रोक लगाने के लिए राज्य, जनपद और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स गठित की गई है. साथ ही, नशामुक्त अभियान के तहत अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. 11 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन के बाद 11 से 25 जनवरी तक नशा निपटान पखवाड़ा शुरू किया गया. इस दौरान गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में मादक पदार्थों के निस्तारण की कार्रवाई की गई.

उत्तराखंड में एक्शन में नारकोटिक्स (video-ETV Bharat)

कुमाऊं मंडल में साल 2022 से 2025 तक कुल 264 मुकदमों में गिरफ्तार 200 आरोपियों से 919 किलोग्राम नारकोटिक्स ड्रग्स बरामद की गई. बरामद नारकोटिक्स ड्रग्स की कीमत 13 करोड़ 41 लाख 39 हजार 490 रुपए है.

गढ़वाल रेंज में साल 2022 से 2025 तक कुल 622 केस में गिरफ्तार 627 आरोपियों से 1539 किलोग्राम नारकोटिक्स ड्रग्स बरामद की गई. बरामद नारकोटिक्स ड्रग्स की कीमत 8 करोड़ 97 लाख 23 हजार 418 रुपए है.

डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि साल 2022-2025 तक अभियान के अनुसार पुलिस ने 886 मामलों में 907 आरोपियों को गिरफ्तार कर 2459 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 22.38 करोड़ है. उन्होंने कहा कि पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 के तहत 5 अपराधियों पर कार्रवाई की गई और 8 अन्य पर कार्रवाई जारी है.

डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि वाणिज्यिक मात्रा के 10 मामलों में वित्तीय जांच कर मादक पदार्थों से अर्जित 3 करोड़ से अधिक की संपत्ति सीज/फ्रीज की गई. साथ ही राज्य और जिला स्तर पर गठित एन्कोर्ड समितियों की नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इन बैठकों में मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, और अन्य हितधारक शामिल होते हैं. मुख्यमंत्री द्वारा भी कई बैठकों की अध्यक्षता कर नशा मुक्त अभियान को प्राथमिकता दी जा रही है.

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Last Updated : Jan 24, 2025, 10:09 PM IST

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