कुल्लू:दीपावली से पहले छोटी दीवाली मनाई जाती है और इस साल 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी के दिन छोटी दिवाली मनाई जाएगी. नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध किया था और उसके कब्जे से 16 हजार कन्याओं को भी बचाया था, जिसके चलते इस नरक चतुर्दशी कहा जाता है. इस दिन भगवान यमराज की पूजा का भी विधान है और उनके निमित घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक भी जलाया जाता है. लेकिन नरक चतुर्दशी के दिन कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए. ताकि भक्तों को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
आचार्य आशीष कुमार ने कहा, "नरक चतुर्दशी के दिन भक्त को चाहिए कि वह सुबह जल्दी उठकर स्नान करे और अपने माथे पर तिलक लगाए. नरक चतुर्दशी की शाम को भगवान यमराज के नाम का दीप जलाएं. क्योंकि इस दिन यम की पूजा करना अच्छा माना जाता है और ऐसा करने से अकाल मृत्यु का डर खत्म होता है. वही, शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूरे शरीर में तेल की मालिश करें और फिर स्नान किया जाए. शास्त्रों में वर्णन हैं कि नरक चतुर्थी को तेल में लक्ष्मी जी निवास करती है. जिस कारण भक्त को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है".