उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

नमामि गंगे की टीम ने गंगा को समर्पित किया रक्षासूत्र, कहा- पर्यावरण की रक्षा से हम सबकी सुरक्षा संभव - Rakshabandhan 2024

सोमवार को दशाश्वमेध घाट पर नमामि गंगे की टीम (Rakshabandhan 2024) ने हजारों श्रद्धालुओं के साथ पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली. इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया.

दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालु
दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालु (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 1:07 PM IST

वाराणसी : रक्षाबंधन सोमवार को पूरे देश में मनाया जा रहा है. वाराणसी में शुभ भावनाओं व शुभ संकल्पों के साथ नमामि गंगे टीम ने रक्षाबंधन के पावन अवसर पर फूलों से गुथा वैदिक रक्षासूत्र, पतित पावनी मां गंगा को समर्पित करके सदानीरा की रक्षा का संकल्प लिया. इस दौरान नमामि गंगे की टीम ने भगवान शिव का पूजन कर भारतीय संस्कृति की रक्षा का आह्वान किया.

सावन के अंतिम सोमवार को दशाश्वमेध घाट पर नमामि गंगे की टीम ने हजारों श्रद्धालुओं के साथ पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली. प्रकृति की रक्षा के आह्वान के बीच नमामि गंगे के स्वयंसेवकों के साथ श्रद्धालुओं ने भी गंगा तट की सफाई की. पर्यावरण के लिए हानिकारक पॉलीथिन का उपयोग न करने का संदेश देकर नमामि गंगे की ओर से गंगा तट पर मौजूद श्रद्धालुओं को कपड़े के झोले प्रदान किए गए. इस दौरान दशाश्वमेध घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया.

नमामि गंगे की टीम ने कपड़े के बैग बांटे (Photo credit: ETV Bharat)

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा से हम सबकी रक्षा संभव है. इस त्योहार का महत्व बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधना ही नहीं है, बल्कि इसे ऐतिहासिक स्वरूप में समझते हुए देश, समाज, पर्यावरण, संस्कृति, सभ्यता, गोमाता व गंगा माता के संरक्षण के संकल्प के त्योहार के रूप में भी मनाया जाना चाहिए. वहीं इस आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, रमन शास्त्री, घनश्याम प्रसाद, आदित्य जायसवाल व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.

नमामि गंगे काशी क्षेत्र संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पर्यावरणीय साक्षरता की इस मुहिम से जुड़ना और अन्य लोगों को अपने साथ जोड़ते जाना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है. पॉलीथिन को पूरी तरह से छोटे टुकड़े में तब्दील होने में सैकड़ों वर्ष का समय लगता है. प्लास्टिक बैग्स बहुत से जहरीले केमिकल्स से मिलकर बनते हैं. इसमें जायलेन, इथिलेन ऑक्साइड और बेंजीन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल होता है. इन केमिकल्स से बहुत सी बीमारियां और विभिन्न प्रकार के डिसाडर्स हो जाते हैं. प्लास्टिक के केमिकल पर्यावरण के लिए भी बेहद हानिकारक होते हैं, ‌जिससे इंसान, जानवरों, पौधों और सभी जीवित चीजों को नुकसान पहुंचता है.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में नमामि गंगे ने लिया गंगा सप्तमी पर गंगा की रक्षा संकल्प

यह भी पढ़ें : नमामि गंगे योजना की हकीकत, नहाने लायक भी नहीं रह गई गंगा, BHU वैज्ञानिकों ने जताई चिंता, पढ़िए डिटेल

ABOUT THE AUTHOR

...view details