बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में अच्छा भोजन खाकर अपना पेट भरने के लिए एक बच्चा घर से निकलकर फुटपाथ पर खड़ा हो जाता था. पुलिस उसे वहां से उसे चाइल्डकेयर सेंटर छोड़ देती थी. दरअसल, बच्चे को चाइल्डकेयर सेंटर का भोजन खाने से संतुष्टि मिलती थी. खबर के मुताबिक, उसने यह तरकीब कई बार दोहराई.
खबर के मुताबिक, लड़के का पिता शराबी है और मां मजदूरी करती है. लड़के को पढ़ाई में रूचि भी नहीं है. वह हर रोज घर से अच्छा भोजन करने की लालसा लेकर फुटपाथ पर खड़ा होता था. जब लोग बच्चे को अकेला सड़क पर देखते थे, तो पुलिस को इसकी सूचना देते थे. बच्चा पुलिस को अपने माता-पिता और घर के बारे में कुछ नहीं बताता था. हारकर पुलिस उसे नजदीक के बाल मंदिर (चाइल्डकेयर सेंटर) ले जाकर छोड़ देती थी. यहां बच्चे को भरपेट अच्छ खाना खाने को मिलता था.
यह बच्चे की रोज की आदत बन चुकी थी. इससे पहले भी बच्चे को अट्टीबेले, सरजापुर और होसाकोटे पुलिस चाइल्डकेयर सेंटर वालों को सौंप चुकी है, जहां से उसे उसके घर वापस भेज दिया जाता था. एक बार फिर से चाइल्डकेयर सेंटर जाने के लिए बच्चा फुटपाथ पर खड़ा हो गया. यहां बेंगलुरु की शंकरपुर पुलिस ने बच्चे के घर का पता लगा लिया उसे माता-पिता को सौंप दिया.
इस पर बेंगलुरु दक्षिण डिवीजन के डीसीपी लोकेश बी जगलासर ने कहा, एक दिन बच्चा लंच और टिफिन पाने की उम्मीद में घर से बालमंदिर (चाइल्डकेयर सेंटर) जाने के लिए रात को निकला था. ठीक उसी वक्त बेंगलुरु की शंकरपुर पुलिस की नजर उस पर पड़ी. इंस्पेक्टर उदयराव ने बच्चे से पूछताछ की. बच्चे ने कहा कि, वह अपने माता-पिता को नहीं जानता है.
अंत में पुलिस ने उसे ले जाकर चाइल्डकेयर सेंटर को सौंप दिया और उसके माता-पिता को खोजने के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. यहां पुलिस को बच्चे के माता-पिता को खोजने की तलाश पूरी हुई. उसके माता-पिता अट्टीबेले पुलिस स्टेशन पहुंचे, जहां बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया.
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