नालंदाःबिहार के नालंदा जिले की 'नंदन वाटिका' की निगरानी इन दिनों सीसीटीवी कैमरे से हो रही है. इतना ही नहीं बगीचे की रखवाली के लिए खास किस्म के डॉग्स भी तैनात किए गये हैं. आप सोच रहे होंगे कि आखिर बगीचे में कौन सा खजाना छिपा हुआ है कि इतनी मुस्तैदी से रखवाली की जा रही है. तो आप भी जान लीजिए कि इस नंदन वाटिका में दुनिया का सबसे महंगाआम लगा हुआ है जिसकी कीमत जानकर ही आपके होश उड़ जाएंगे.
दुनिया का सबसे महंगा आम 'मियाजाकी': नालंदा जिले के चंडी प्रखंड के ढकनिया गांव में करीब तीन एकड़ में फैली इस 'नंदन वाटिका' में करीब आम के 90 किस्मों के पेड़ लगे हैं लेकिन एक पेड़ ऐसा है जिसके एक-एक आम किसी खजाने से कम नहीं हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं जापानी नस्ल के आम 'मियाजाकी' की, जो दुनिया का सबसे महंगा आम है. जी, भारतीय बाजार में ये आम 70 से 80 हजार रुपये किलो है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब ढाई लाख रुपये प्रति किलो है.
2021 में जापान से मंगाया था पौधाः'नंदन वाटिका' के मालिक नीतीश कुमार बताते हैं कि "उनके पिता सुरेंद्र सिंह एक पर्यावरणविद् थे और उन्हें नये-नये किस्म के पेड़-पौधे लगाने का बेहद ही शौक था. जापान के मियाजाकी आम के बारे में उन्होंने पढ़ा तो 2021 में जापान से ही मियाजाकी का पौधा मंगाया और दो साल बाद ही यानी 2023 से ही इनमें फल आने शुरू हो गये. इस साल भी करीब 30 फल लगे हुए हैं."
जापान के शहर 'मियाजाकी' से पड़ा नाम: दुनिया के सबसे महंगे आम के रूप में मशहूर ये किस्म मूल रूप से जापान में ही उगाई जाती है. कहा जाता है कि जापान के शहर 'मियाजाकी' से ही आम की इस किस्म का नाम भी मशहूर हुआ.इसे ‘ताइयो-नो-टोमागो’ या ‘एग्स ऑफ सनशाइन’ के नाम से बेचा जाता है.
गहरे लाल रंग का होता है आमः आम तौर पर आम हरे और पीले रंग के होतें हैं, लेकिन मियाजाकी गहरे लाल रंग का होता है.विशेषज्ञों के अनुसार, इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है. ये फल अप्रैल और अगस्त के महीनों के बीच होता है. ये जापान में बिकने वाले सबसे महंगे फलों में से एक है. अन्य देशों में निर्यात किए जाने से पहले, इन आमों की सख्त जांच और परीक्षण किया जाता है. ये किस्म जापान, थाईलैंड, फिलीपींस और भारत के बंगलोर में उगाई जाती है.