नालंदाःबिहार सरकार बड़े जोर-शोर से सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करती है, लेकिन अब राज्य के मुख्यमंत्री के गृह जिले के ही सदर अस्पताल से जानलेवा लापरवाही का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में ऑपरेशन के जरिए महिला ने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन इस दौरान डॉक्टरों ने महिला के पेट में ही बैंडेज कॉटन छोड़ दिया. कई महीनों बाद महिला को पेट दर्द शुरू हुआ तो लापरवाही का ये मामला उजागर हुआ.
दिसंबर 2023 में हुआ था ऑपरेशनःजानकारी के मुताबिक पिछले साल यानी 2023 के दिसंबर महीने में पटना जिले के सकसोहरा थाना इलाके के अंदौली गांव के रवींद्र पासवान ने अपनी पत्नी बेबी देवी को डिलीवरी के लिए बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. अस्पताल में ऑपरेशन के जरिये डिलीवरी हुई और बेबी देवी ने बच्ची को जन्म दिया.
दर्द से परेशान रहने लगी बेबी देवीःडिलीवरी के कई महीनों के बाद बेबी देवी के पेट में दर्द रहने लगा. पहले तो परिवार वालों ने इसे सामान्य दर्द समझकर अनदेखी की, लेकिन जब दर्द तेज हुआ तो बेबी देवी को लेकर पटना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने एक्सरे और जांच रिपोर्ट के आधर पर बेबी के पेट में बैंडेज कॉटन होने की बात बताई. आखिरकार बेबी का ऑपरेशन करना पड़ा और पेट में पड़ा बैंडेज निकाला गया, लेकिन इस ऑपरेशन में पूरे 5 लाख रुपये खर्च हो गये. रवींद्र पासवान का आरोप है कि "जब उसने इसकी शिकायत सदर अस्पताल में की तो उसे डांट कर भगा दिया गया."
डीएम ने दिए जांच के आदेशः इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने डीएम के जनता दरबार में इंसाफ की गुहार लगाई.जिसके बाद डॉक्टरों की इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने नालंदा की सिविल सर्जन डॉ. श्यामा राय और डीएस डॉ. अशोक कुमार से 3 दिनों के अंदर पूरी घटना की जांच रिपोर्ट मांगी है.