देहरादून:अपनी ही बहन की हत्या करने पर निचली अदालत से फांसी की सजा पाए तीनों भाइयों के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने निचली अदालत से फांसी की सजा पाए कुलदीप और अरुण की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. जबकि, मृतका के ममेरे भाई राहुल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
बहन के हत्यारों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील:दरअसल, हरिद्वार के खानपुर में परिजनों की मर्जी के खिलाफ जाकर बहन ने प्रेम विवाह कर लिया था. जिस पर उसके भाइयों ने उसकी (बहन की) धारदार हथियारों से बेरहमी से हत्या कर दी थी. इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने मृतका के दो सगे भाई समेत ममेरे भाई को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.
लोअर कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा:अपने आदेश की पुष्टि करने के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने हाईकोर्ट को रेफरेंस आदेश भेजा था. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल कोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील करने का आदेश दिया है.