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लैंडस्लाइड के कारण दो घंटे बंद रहा मसूरी देहरादून मार्ग, लगा लंबा जाम, SDM का चढ़ा पारा - Mussoorie Dehradun Road Landslide - MUSSOORIE DEHRADUN ROAD LANDSLIDE

Mussoorie Dehradun Road Landslide मसूरी देहरादून मार्ग गलोगी पावर हाउस के पास भूस्खलन होने से करीब दो घंटे तक बंद रहा. इस दौरान लापरवाही भी सामने आई. ऐसे में पीडब्लूडी और ठेकेदार की लापरवाही पर एसडीएम पारा चढ़ गया. साथ ही जमकर फटकार लगाई. वहीं, दोनों को ऑफिस में तलब किया है.

MUSSOORIE DEHRADUN ROAD LANDSLIDE
मसूरी देहरादून मार्ग (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 26, 2024, 10:56 PM IST

मसूरी:देहरादून मसूरी मार्ग गलोगी पावर हाउस के पास भारी भूस्खलन होने के कारण दो घंटे तक रहा. मार्ग पर पत्थर और मलबा आ गया था. जिससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया. जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोक निर्माण विभाग की ओर से तैनात जेसीबी का ऑपरेटर मौके पर न होने के कारण मार्ग को खोलने में काफी समय लग गया. जिसका संज्ञान मसूरी एसडीएम दीपक सैनी ने लिया और वो खुद भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र पहुंचे. जहां लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई.

दो घंटे बाद खुली सड़क: वहीं, दूसरी जेसीबी के माध्यम से मार्ग पर आए पत्थर और मलबे को हटाने की प्रक्रिया की गई. जिसके करीब 2 घंटे के बाद मार्ग को सुचारू किया जा सका. सुरक्षा की दृष्टि से मसूरी आने वाले वाहनों को कुछ समय के लिए कुठाल गेट पर रोका गया. ताकि, लोगों को गलोगी पावर हाउस के पास क्षतिग्रस्त हिस्से पर पहुंचने पर दिक्कत न हो.

लोनिवि अधिकारी और ठेकेदार तलब:बताया जा रहा है कि एसडीएम मसूरी दीपक सैनी ने पहाड़ी से भूस्खलन होने से मार्ग बंद होने पर तत्काल कार्रवाई न करने और जेसीबी ऑपरेटर के मौके पर न होने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ ही गलोगी पावर हाउस के क्षतिग्रस्त पहाड़ी का ट्रीटमेंट कर रहे ठेकेदार को कल अपने कार्यालय में तलब किया है. उन्होंने कहा कि जनता को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही देखी जा रही है.

स्थानीय निवासियों का कहना है गलोगी पावर हाउस के पास क्षतिग्रस्त पहाड़ी के ट्रीटमेंट के लिए सरकार ने करीब 22 करोड़ रुपए जारी किए हैं, लेकिन मौके पर व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें जैसे पता चला कि गलोगी पावर हाउस के पास भूस्खलन होने से सड़क पर भारी मलबा आ गया है, लेकिन वहां पर जेसीबी चलाने वाला ऑपरेटर मौजूद नहीं है. जिसके बाद वो वापस देहरादून चले गए.

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