मथुराःश्रीकृष्ण जन्मष्टमी पर कवि डॉक्टर कुमार विश्वास वृंदावन पहुंचकर ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन-पूजन किए. इसके साथ ही कृष्ण जन्म भूमि में भी भगवान के दर्शन किया. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कोलकाता रेप केस और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर अपनी राय रखी. कुमार विश्वास ने कहा कि 'कोलकाता जैसा कोई भी कांड पृथ्वी के किसी भी क्षेत्र में हो रहा हो, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे तो दुख इस बात का है कि हमारी बड़ी बहन राजनीतिक रूप से चर्चा करते हुए वाम के साथ राम का प्रयोग किया. राम वाले अराजकता फैला रहे हैं. यह थोड़ा सा मुझे बहुत बुरा लगा. मैं उस बिटिया के लिए एक पुरुष, पिता और भाई होने के नाते लज्जित हूं. दामिनी के समय हमने लाठियां खाई थी, इस बार संभवत इस पूरी जाति को उपचार मिले, ये उम्मीद है.'
मथुरा में कुमार विश्वास बोले- भाईचारे के लिए हिंदू पक्ष को सौंप दें श्रीकृष्ण जन्मभूमि, मुस्लिम समाज दिखाए समझदारी - Poet Kumar Vishwas
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Aug 24, 2024, 10:14 PM IST
कवि कुमार विश्वास मथुरा पहुंचकर बांके बिहारी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में दर्शन-पूजन किया. इस दौरान कुमार विश्वास ने कहा कि भाईचारे के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग विवादित जमीन को छोड़ दें.
कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर कुमार विश्वास ने कहा 'मैं आशा करता हूं कि लोगों को सद्गति आए और बिना किसी न्यायालय के वाद के बिना किसी राजनीतिक वितांडे के दूसरे पक्ष में हजार या दो हजार लोग भी समझदार हो वह कृपा पूर्वक यहां आएं और देखें. क्योंकि हमारे मंदिरों में तो यह प्रावधान भी नहीं है कि किसी और को प्रवेश भी नहीं होगा. मेरा ठाकुर तो सबका है, वह तो सबको दर्शन देता है. अगर भाईचारे की बात है तो हजार आदमी इस देश में इकट्ठे नहीं हो पा रहे, जो कहें कि हम यहां से ढांचा हटा ले रहे हैं और दूसरी जगह बना लेंगे'.
कुमार विश्वास ने कहा कि 'सभी को पता है कि ठाकुर जी कहां प्रकट हुए थे. एक विधर्मी आदमी आकर पाप पाप कर गया था. लेकिन जो हमारे ही घरों में पैदा हुए और 10 पीढ़ी पहले भाई-बहन थे, वह भी अगर इस पाप का समर्थन कर रहे हैं, मौन है तो अपराध इतिहास दंडित के रूप में देता है. मैं भगवान से उनके जन्मदिन पर यह प्रति उपहार मांगता हूं कि वह अपने दूसरी तरफ गए हुए पुत्रों को भी सद्बुद्धि दें कि वह विनम्रता पूर्वक इस ढांचे को उठाकर के कहीं और ले जाएंं. ताकि भगवान का परिसर उनकी श्री यश की जय जयकार से गूंजता रहे और हमारे मन में किसी प्रकार का प्रश्न न हो.'