फिरोजाबाद:'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना' यह पुरानी कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी. लेकिन, यह कहावत इन दिनों चूडियों के शहर और कांच की नगरी फिरोजाबाद में चरितार्थ हो रही है. जहां मुस्लिम कारीगर कांच से बनने वाली भगवान गणेश की प्रतिमा को तैयार करने में जुटे है. गणेश चतुर्थी के मौके पर मिले ऑर्डर की वजह से भगवान गणेश की कृपा इन मुस्लिम कारीगरों पर भी बरस रही है.
मुस्लिम कारीगर बना रहे कांच से निर्मित भगवान गणेश की मूर्तियां (video credit- Etv Bharat) फिरोजाबाद शहर देश ही नहीं, बल्कि दुनियां में कांच से निर्मित चीजों के लिए जाना जाता है. यहां के तमाम आइटम विदेशों में भी एक्सपोर्ट होते है. इस कारोबार में यहां के हस्तशिल्पियों की भी अहम भूमिका है. देवी-देवताओं की तमाम मूर्तियां और अन्य खेल खिलौने यहां के हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार किये जाते है. देवी देवताओं की मूर्तियां त्यौहार और डिमांड के हिसाब से तैयार किये जाते है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जहां भगवान श्री कृष्ण, राधा कृष्ण की मूर्तियां तैयार की जाती है. राम नवमीं के मौके पर राम दरवार, गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश और दुर्गा महोत्सव के मौके पर दुर्गा माता की मूर्तियां ऑन डिमांड तैयार की जातीं है.
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एक आंकड़े के अनुसार यहां हस्तशिल्पियों को न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के विभिन्न कौनों से ऑर्डर आते है. विदेशों में भी इसकी डिमांड रहती है. एक आंकड़े के अनुसार यहां का हस्तशिल्प कारोवार पांच करोड़ रुपया प्रति साल रहता है. फिरोजाबाद शहर के लेबर कॉलोनी में रहने वाले इरशाद और उनकी पत्नी महजबीन बीते 20 साल से भी ज्यादा समय से इन मूर्तियों को बनाने का काम करतीं है.
बोरोसिल ग्लास की छड़ को पिघलाकर यह मूर्तियां तैयार की जातीं है. त्यौहार और डिमांड के हिसाब से इन मूर्तियों को तैयार किया जाता है. खरीददार इनसे खुद संपर्क कर इन्हें खरीद ले जाते है. धर्म से मुस्लिम होने के बाद भी यह लोग भगवान श्रीराम,श्रीकृष्ण की सुंदर मूर्तियां तैयार करते है. चूंकि अब श्री गणेश चतुर्थी का त्यौहार नजदीक है. इसलिए यह लोग भगवान गणेश की कांच की सुंदर मूर्तियां विभिन्न आकारों में तैयार करने में जुटे है. काफी संख्या में इनकी मूर्तियां बिक चुकी है और अभी भी डिमांड बनी हुयी है.
मुस्लिम महिला कारीगर महजबीन बताती है, कि हमारे पास वैसे तो काफी जगह से डिमांड आयी है. लेकिन, मुंबई से सर्वाधिक डिमांड आयी है. हमारी यह मूर्तियां सौ रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक बिक जातीं है. दुर्गा महोत्सव के मौके पर दुर्गा माता की मूर्तियां ऑन डिमांड तैयार की जातीं है.
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