रायपुर :रायपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में नगरी निकाय के चुनाव होने हैं. 11 जनवरी को मतदान के बाद 15 जनवरी को रिजल्ट आएगा. बीजेपी कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल के लोग जनसंपर्क अभियान के साथ ही धुआंधार प्रचार प्रसार में भी जुटे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने रायपुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 67 के वार्डवासियों से बात की. जहां के वार्डवासियों ने पार्षद और अध्यक्ष को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी.
विकास करने वाला चाहिए पार्षद ::वार्ड क्रमांक 67 के वार्डवासी रामेश्वर वर्मा ने बताया कि "हमें ऐसा पार्षद चुनना है जो वार्ड का विकास करने वाला हो . पूर्व वार्ड में उतना विकास नहीं हुआ है जितना वार्ड वासियों को उम्मीद थी. पूर्व पार्षद ने वार्डवासियों से वार्ड में वृक्षारोपण करने के साथ ही हरियाली लाने की बात कही थी. अच्छा विकास करने वाला पार्षद वार्ड के लोग चुनने जा रहे हैं. इसके साथ ही महापौर से भी काफी कुछ उम्मीद शहर वासियों को है. शहर में अच्छे से विकास के काम करने वाला होना चाहिए. महिला सुरक्षा के साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने वाला महापौर होना चाहिए. महापौर किसी भी पार्टी का हो उसकी छवि स्वच्छ होनी चाहिए.
शहर और वार्डों की प्रगति करने वाला महापौर :वार्डवासी भूखनदास मानिकपुरी ने बताया कि महापौर ऐसा होना चाहिए जो रायपुर शहर को अच्छे से डेवलप कर सके. वहीं वार्डवासी वार्ड क्रमांक 68 की पूर्व पार्षद मीनल चौबे को लेकर कहा कि पिछले 15 सालों तक पार्षद रहकर उन्होंने जो विकास के कार्य किए हैं. ठीक उसी तरह से महापौर बनने के बाद शहर को डेवलप करें. वार्ड पार्षद को लेकर भूखनदास कहना है कि वार्ड पार्षद मिलनसार होने के साथ ही वार्ड में घूम-घूम कर वार्ड की समस्याओं का जायजा लेने वाला होना चाहिए. वार्ड 67 के पूर्व पार्षद को लेकर उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत के बावजूद भी नालियों की साफ सफाई नहीं हो पा रही है. पार्षद किसी भी पार्टी का हो लेकिन वार्ड की जनता की समस्याओं को सुनने और समझने वाला होना चाहिए.
नशाखोरी बंद हो :त्रिवेणी के मुताबिक वार्ड में हमेशा शांति बनी रहे. ऐसा पार्षद हमें चाहिए. इसके साथ ही शहर के वार्डों में नशाखोरी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने वाला होना चाहिए. वार्ड में साफ सफाई होनी चाहिए. साथ ही महिला सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. वार्ड में नशाखोरी करने वाले लोग आने जाने वाले महिलाओं के सामने गाली गलौज करने लग जाते हैं. इस पर लगाम लगना चाहिए. शहर का महापौर भी शहर की सुविधाओं की सुध लेने वाला होना चाहिए.