बाराबंकी :मुख्तार अंसारी डेथ मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बांदा जेल अधीक्षक ने बाराबंकी की अदालत में उपस्थित होकर भेजी गई डेथ रिपोर्ट की पुष्टि की. इस दौरान बिना वर्दी के ही बयान देने के लिए उपस्थित हुए जेल अधीक्षक को देखकर मुख्तार अंसारी के वकील द्वारा आपत्ति की गई. उसके बाद जेल अधीक्षक ने वर्दी पहनकर अपना बयान दर्ज कराया. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख नियत की है.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जेल अधीक्षक हुए उपस्थित :मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि शनिवार को बाराबंकी की एसीजेएम कोर्ट नम्बर-19 में सरकार बनाम डॉ अलका राय का मुकदमा लगा था. इस मामले में मुख्तार अंसारी का भी नाम है. पिछली पेशी पर सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से मृत आख्या कोर्ट पर प्राप्त हुई थी. इसी मामले में जेल अधिकारी को तलब किया गया है कि वह आकर इस आख्या की पुष्टि करें. शनिवार को बांदा जेल से अधिकारी को आना था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके, लिहाजा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जेल अधीक्षक उपस्थित हुए और उन्होंने मृत आख्या की पुष्टि की. इससे पहले जेल अधीक्षक के बिना वर्दी के स्क्रीन पर आने पर मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने आपत्ति दर्ज कराई जिसे कोर्ट ने संज्ञान में लिया. उसके बाद जेल अधीक्षक वर्दी में पेश हुए और उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए.
मुकदमे में बने थे मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी :बताते चलें कि एसीजेएम कोर्ट नम्बर 19 में सरकार बनाम डॉ अलका रॉय का फर्जी एम्बुलेंस मामला चल रहा है. इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी हैं. शनिवार को मुकदमे की पेशी थी. मामले में संतकबीर नगर जेल में बंद जफर आलम उर्फ चंदा और गाजीपुर जेल में बंद अफरोज की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. इस मामले में बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी का भी नाम था और वहीं जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी होती थी, लेकिन बीती 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की बांदा में मौत हो गई थी. बांदा जेल प्रशासन द्वारा मुख्तार अंसारी की मौत की रिपोर्ट पिछली पेशी 02 अप्रैल को भेजी गई थी और शनिवार के लिए जेल अधिकारी को इस आख्या की पुष्टि के लिए तलब किया गया था. अब मामले में अगली कार्रवाई के लिए कोर्ट ने 18 अप्रैल की तारीख नियत की है.
क्या है एम्बुलेंस मामला :31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 13 आरोपी सामने आए जिनमे मुख्तार अंसारी, डॉ अलका राय, डॉ शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, आनंद यादव, मुहम्मद सुहैब मुजाहिद, अफरोज खां उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा, सलीम, मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए और इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. इस मामले में बाद में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर की भी कार्रवाई की गई थी. जिसका विचारण बाराबंकी की सेशन कोर्ट में चल रहा है.
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