बाराबंकीःमुख्तार अंसारी चर्चित एम्बुलेंस मामले में सरकार बनाम डॉ. अलका राय के मुकदमे की मंगलवार को बाराबंकी की अदालत में सुनवाई हुई. इस केस के गवाह एमजीएस कम्पनी के सीईओ संजय मिश्रा को बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया गया. इससे पहले सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीओ सिटी ने भारी पुलिस बल के साथ कोर्ट का चप्पा चप्पा छाना. कोर्ट में मुख्तार अंसारी व अन्य आरोपियों के अधिवक्ताओं द्वारा गवाह से जिरह की गई. इस दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और दो अलग-अलग जेलों में बंद दो अन्य आरोपियों की एमपीएमएलए कोर्ट एसीजेएम विपिन यादव के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. बाकी के आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया गया था.
14 मार्च को होगी अगली गवाहीःडॉ. अलका रॉय और मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एसीजेएम कोर्ट नम्बर-19 (एमपीएमएलए कोर्ट) में मुकदमा चल रहा है. इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी हैं. मंगलवार को अभियोजन द्वारा अपने गवाह वाहन (एम्बुलेंस) कम्पनी के सीईओ संजय मिश्रा को पेश किया. गवाह को बुलेटप्रूफ जैकेट में अदालत तक लाया गया था. इस दौरान सीओ जगत कनौजिया ,नगर कोतवाल अजय त्रिपाठी समेत भारी पुलिस बल मौजूद रहा. पिछली पेशी पर गवाह से बयान हो चुके थे. लिहाजा मंगलवार को मुख्तार अंसारी व अन्य आरोपियों के अधिवक्ताओं ने गवाह से जिरह की. सुनवाई के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी, जफर उर्फ चंदा की संतकबीरनगर और अफरोज चुन्नू की गाजीपुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई. बाकी आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी दी गई थी. कोर्ट ने मामले में अगली गवाही के लिए 14 मार्च की तारीख नियत की है.
मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केसः बुलेटप्रूफ जैकेट और कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचकर वाहन कम्पनी के CEO ने दी गवाही
मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस में बाराबंकी की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान बुलेटप्रूफ जैकेट और कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचकर वाहन कम्पनी के CEO ने गवाही दी.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Mar 5, 2024, 7:45 PM IST
क्या है एम्बुलेंस मामलाः31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग (Barabanki Transport Department) में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) से पंजीकृत पाई गई.इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को अपराध संख्या 369/21 पर धारा 419,420,467,468,471,120बी,177,506 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट ऐक्ट के तहत एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 13 आरोपी सामने आए जिनमे मुख्तार अंसारी,डॉ अलका राय,डॉ शेषनाथ राय,राजनाथ यादव,मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद,आनंद यादव,मुहम्मद सुहैब मुजाहिद,अफरोज खां उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा,सलीम,मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए और इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था.मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं. इस मामले में बाद में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर की भी कार्यवाही की गई थी.जिसका विचारण बाराबंकी की सेशन कोर्ट में चल रहा है.