कोरबा:शहर के बीचों बीच स्थित पुराने तालाब का 5 साल पहले एक करोड़ 52 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण किया गया. तब प्लान था, कि पानी के इंतजाम के लिए तालाब के गहरीकरण के साथ गार्डन का निर्माण किया जाएगा. बच्चों के लिए मोटर बोट चलाने की भी योजना थी. काम में लेट लतीफी हुई. कई बार बजट को रिवाइज भी किया गया. आखिरकार सौंदर्यीकरण का काम पूरा भी हो गया. पाथवे के साथ स्ट्रीट लाइट लगा दिए गए, सुंदर बाउंड्री वॉल बनाया गया. लेकिन जिससे किसी तालाब की पहचान होती है, "पानी" ही तालाब से नदारद है. जिससे कभी कल-कल जल बहने वाला तालाब अब सूखे मैदान की तरह दिखने लगा है.
औद्योगिक शहर होने के कारण कोरबा दिनों दिन गर्म होता जा रहा है. तापमान गर्मियों में 45 डिग्री के आसपास पहुंचने को है. मुड़ापार तालाब जिस जगह पर है. उसके चारों ओर पॉश रिहायशी इलाका है. बड़े-बड़े अपार्टमेंट बने हुए हैं. तालाब रहने से मनोरम नजारा देखने को मिलता था. जानकारों की माने तो ऐसे तालाब पर्यावरण के लिए किसी धरोहर से कम नहीं होते. ग्राउंडवाटर लेवल को रिचार्ज करने के साथ ही वह अपने आसपास के तापमान को लगभग 5 डिग्री सेल्सियस तक कम कर देते हैं.
पर्यावरण के लिए बेहद उपयोगी ग्राउंडवाटर लेवल होता है रिचार्ज :बताया जा रहा है कोरबा में पहले कई तालाब थे. लेकिन सारे या तो बेजाकब्ज की भेंट चढ़ गए या उन्हें पाट दिया गया है. इन सभी तालाबों में से मुड़ापार का ये तालाब सबसे बड़ा है. जिसका क्षेत्रफल काफी बड़ा है. दो तीन साल पहले तक यह तालाब 12 महीने भरा रहता था. लेकिन कुछ समय पहले इस तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया और अब इस तालाब में एक बूंद पानी भी नहीं बचा है. तालाब के सूखने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी सामने आ रहा है कि बरसात के अलावा शहर का पानी नालों के जरिए तालाब में आता था, जिसे तालाब साफ रखने के नाम पर रोक दिया गया.
तालाब हमारे क्षेत्र और समाज के लिए एक धरोहर की तरह हैं. इनमें जब पानी भरा हुआ होता है. तो ग्राउंडवाटर लेवल रिचार्ज होता रहता है. लेकिन सौंदर्यीकरण के बाद इस तालाब में एक बूंद भी पानी नहीं है. अब यह तालाब एक डस्टबिन की तरह दिखाई देता है. जहां लोग अपने घरों से निकला कूड़ा और कचरा डंप करते हैं. बच्चे यहां क्रिकेट खेलते हैं. यह पॉश इलाका है. चारो ओर घनी आबादी है. यदि इस तालाब को ऐसे ही छोड़ दिया गया, तो आने वाले समय में पानी भी बहुत समस्या हो जाएगी. - डॉ संदीप शुक्ला स्थानीय निवासी व बॉटनी के प्रोफेसर
पौने दो करोड़ का टेंडर, काम हुआ लेकिन अब तालाब में नहीं है पानी :शारदा विहार वार्ड नंबर 12 में मौजूद है. यहां के पूर्व पार्षद राजा गुप्ता बताते हैं कि इस तालाब का टेंडर लगभग पौने दो करोड़ रुपए में हुआ था. करोड़ों के राशि खर्च भी की गई. सौंदर्यीकरण के नाम पर वहां पाथवे और कुछ सामान लगाए गए. लेकिन पानी पूरी तरह से सूख गया. यह तालाब शहर का एक ऐसा तालाब है जो अब तक सुरक्षित बचा हुआ है. इसका क्षेत्रफल इतना बड़ा है कि एक मनोरम नजारा बनता था. लेकिन अब वह पूरी तरह से गायब हो चुका है. फेंसिंग और अन्य काम किए गए हैं. रोशनी की व्यवस्था की गई थी.