नर्मदापुरम:कहते हैं कि जिद और जुनून से मंजिल कदम चूमती है. नर्मदापुरम के आदित्य नारायण तिवारी ने हार नहीं मानी और डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना पूरा करने के बाद ही अपनी जिद छोड़ी. आदित्य नारायण वर्तमान में सहकारिता निरीक्षक के पद पर हरदा में पदस्थ हैं और 2021 में एमपीपीएससी के जरिए ही उन्हें यह नौकरी मिली थी लेकिन उनका सपना था कि वे डिप्टी कलेक्टर बने. 2018 से शुरू हुआ उनका यह प्रयास ऐसा रंग लाया कि इसकी उम्मीद भी उन्हें नहीं थी. एमपीपीएससी के वे दूसरे टॉपर बन गए.
नौकरी लगने पर भी नहीं खाई मिठाई
नर्मदापुरम के कोठी बाजार के आदित्य नारायण तिवारी भले ही एमपीपीएससी 2021 में सिलेक्ट हो गए और उन्हें सहकारिता निरीक्षक की पोस्ट मिल गई लेकिन उन्हें संतुष्टि नहीं मिली और नौकरी करते हुए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी.
डिप्टी कलेक्टर बनने की जिद पूरी कर ही माने आदित्य (ETV Bharat) आदित्य की माने तो जब वह सहकारिता निरीक्षक के पद पर चयनित हुए तो उन्होंने घर में ना तो मिठाई बुलाई थी और न ही इसकी खुशी जाहिर की थी. इसका कारण उनका सपना डिप्टी कलेक्टर बनने का था. उनका कहना है कि "उनके पिता का उनकी सफलता में सबसे बड़ा योगदान रहा है." उन्होंने 897 अंक लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया. अब घर में खुशी का माहौल है, उनकी मां और परिजनों ने उन्हें मिठाई खिलाई और उनकी आरती उतारी.
नर्मदापुरम के आदित्य नारायण तिवारी के घर जश्न का माहौल (ETV Bharat) किसान के बेटे ने जीती डिप्टी कलेक्टर की 'जंग'
आदित्य नारायण तिवारी 2014 से तैयारी कर रहे थे. पहले स्वच्छता निरीक्षक, पटवारी की परीक्षा में भी चयनित हो चुके हैं पर सपना डिप्टी कलेक्टर का था. उन्होंने इंदौर में कोचिंग में बच्चों को पढ़ाते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की. आदित्य के पिता सत्यनारायण तिवारी किसान और मां संध्या तिवारी सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं.
एमपीपीएससी में आदित्य नारायण तिवारी ने हासिल की दूसरी रैंक (ETV Bharat) आदित्य ने नहीं मानी हार
ईटीवी भारत से बात करते हुए आदित्यबताते हैं कि "यह मेरा पांचवा प्रयास है. 2018 से मैंने तैयारी शुरू की थी. 2018 और 2020 का मेरा प्रीलिम्स क्वालीफाई नहीं हुआ था. 2019 में मेरा इंटरव्यू कॉल था पर मेरा चयन नहीं हुआ था. वह बताते हैं की 2021 में मेरा चयन सहकारिता निरीक्षक के लिए हुआ और अब 2022 के एग्जाम में मुझे दूसरा रैंक हासिल हुआ. उन्होंने एमपीपीएससी 2023 का भी एग्जाम दिया है जिसका रिजल्ट आना बाकी है."
कॉन्फिडेंस बनाए रखना सबसे ज्यादा जरूरी
आदित्य नारायण तिवारी ने कहा कि "परीक्षा में उतार-चढ़ाव आता रहता है लेकिन किसी भी हाल में खुद कॉन्फिडेंस बनाए रखना है और हार नहीं मानना है. निरंतरता के साथ मैंने पढ़ाई के साथ उत्तर लेखन पर भी ध्यान दिया और मुझे लगता है यही मेरी सक्सेस का कारण है. नई युवा पीढ़ी को संदेश देना चाहूंगा कि अपने आप पर भरोसा रखें और अपने प्रति ईमानदार रहें. अपने माता-पिता पर भरोसा रखें अच्छी संगत करें. जो आपका लक्ष्य है उसके प्रति अपने हृदय से ईमानदार रहें तो आपको अपना लक्ष्य मिल जाएगा."