BASANT PANCHAMI 2025: बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का प्राकट्य दिवस होता है. इस दिन जगह-जगह पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. उन्हें प्रसन्न करने तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. बसंत पंचमी में मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंदीदा माला अगर उन्हें अर्पित की जाए तो, वह बहुत खुश होती हैं. मां सरस्वती का पसंदीदा माला किस-किस तरह से तैयार की जा सकती है, जानते हैं ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
मां सरस्वती के लिए तैयार करें माला
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "बसंत पंचमी इस बार 3 फरवरी को मनाया जाना है. बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन उनका प्राकट्य दिवस होता है. ऐसे में जो भी जातक माता सरस्वती को माला अर्पित करना चाहता है. अगर वो पीला फूल जैसे गेंदा की माला पिरोकर के मां सरस्वती को अर्पित करे तो माता प्रसन्न होती हैं.
माला तैयार करने का दूसरा तरीका है कि पीले फूल के बीच में अगर गुलाब के फूल कुछ लगा दिए जाएं, तो वो माला भी मां सरस्वती को पसंद होती है. माता सरस्वती महाकाली महालक्ष्मी मां सरस्वती ये विशेष देवी होती हैं. उनके सामने अगर कमल के फूल में हल्दी की गांठ लगा करके माला बनाकर चढ़ाया जाए तो मां सरस्वती की विशेष कृपा जातकों पर बरसती है.
इसके अलावा चने की दाल की भी एक विशेष माला बनती है. चने की दाल को भिगोकर 108 चने की माला बनाई जाए तो और मां सरस्वती को अर्पित करें तो वो बहुत प्रसन्न होती हैं. इसके अलावा माता सरस्वती कमल गट्टे के फूल की माला भी पसंद करती हैं. सफेद कलर का फूल किसी का भी फूल हो अगर सफेद कलर के फूल हो, ऐसे 151 सफेद कलर के पुष्पों की माला बनाकर मां सरस्वती को अर्पित की जाए तो उनकी विशेष कर कृपा बरसती है.
मां सरस्वती को प्रसन्न करने करें ये उपाय
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि अगर माता सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते हैं तो कुछ विशेष उपाय भी किये जा सकते हैं. उनके सामने घी के पांच दीपक जलाकर हर दीपक के पास पांच फूल अगर अर्पित करें और माता सरस्वती का ध्यान लगाएं, पूजा अर्चना करें तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं.
इसके अलावा मां सरस्वती के सामने पद्मासन बैठ करके उनका ध्यान करें. हाथ में चावल लेकर के संकल्प करें और मां सरस्वती का ध्यान करें, वहीं चावल उनके चरणों में चढ़ा दें, तो उनकी विशेष कृपा बरसती है, उस जातक को विशेष विद्या की प्राप्ति होती है.